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सत्यम शिवम सुंदरम की तिकड़ी के गुल और गुलज़ार हमें भी देखने हैं यार!

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दुनिया का तो पता नहीं, लेकिन हम भारतवासी पागल से हुए जा रहे हैं!

जब से खबर आई है कि भारतीय मूल के सुन्दर पिचाई, गूगल जैसी विश्व-प्रसिद्ध कंपनी के CEO बन गए हैं, ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने नहीं, सारे भारत ने कोई बाज़ी मार ली हो! मानो कंचे का खेल कोई खेल रहा था, जीता कोई और और हमने ख़ुशी मना डाली कि देखा भैया, हम भी कमाल हैं!

अरे यार, सबसे पहले तो कोई यह समझाए कि क्या हम इतने गए गुज़रे हैं कि अगर एक आदमी इतने बड़े ओहदे पर पहुंच जाता है तो हमें लगता है कोई कमाल हो गया है?

सुन्दर साहब ने अपनी योग्यता सिद्ध की और सफ़लता हासिल कर ली, उनकी जगह कोई चीनी या जापानी या फ्रेंच होता और क़ाबिल होता तो उसे यह जगह मिल जाती!

यार हम 100 करोड़ से ज़्यादा हैं, इतना आत्मविश्वास तो रखो कि हम में भी क़ाबिलियत और योग्यता है और इतने बड़े ओहदे पर पहुँचना कोई मुश्किल काम नहीं है!

और अब अगर बात करें सत्यम शिवम सुंदरम की तो दोस्तों, माइक्रोसॉफ़्ट के CEO सत्य नाडेला हैं, सुन्दर साहब भी पहुँच गए उनकी बगल में, बस अब अंतर्राष्ट्रीय स्टार के एक शिव भी मिल जाएँ तो सोने पर सुहागा होगा! मान लीजिये ऐसा हो गया तो दुनिया कैसी होगी?

अब तीन हिंदुस्तानी टेक्नोलॉजी में माहिर कंपनियों के मालिक बन जाएँगे तो हमारे देश पर कैसा असर होगा?

सबसे पहले तो उनकी बीवियाँ उनसे कह कर गॉसिप-करने वाली कोई ऍप बनवा डालेंगी! कोई ना भी हो साथ में तो भी गॉसिप का मज़ा उठाईये! उसके बाद आएगी बारी परिवार में सास-बहुओं की! अब हम ठेठ हिंदुस्तानी हैं तो परिवार को कैसे पीछे छोड़ दें? पता चले कि गूगल पर सबसे पहले पारिवारिक जानकारी ही उपलब्ध होगी, चाहे कुछ भी सर्च कर लीजिये!

और हाँ, सेक्स तो Google Search से भी नहीं मिलेगा! भारतीय हैं हम, सेक्स थोड़े ही करते हैं? छीछी!

उसके बाद गूगल देवता दिन में शायद सिर्फ़ 8 घंटे ही काम करेंगे, अरे भाई सरकारी महकमों की तरह! उस में से भी 2 घंटे तो खाने-पीने, सुट्टा मारने और मुफ़्त की ज्ञान-बाज़ी बाँटने में निकल जाएँगे!

कम शब्दों में कहें तो सारा विश्व, भारत के चरण-क़दमों पर चलेगा!

यार अब इतना तो हक़ बनता है ना हमारा कि इतनी बड़ी हस्तियों को हमने भारत में पैदा किया और इतनी बड़ी कंपनियों में काम करने के लिए धक्का दिया! इसी बहाने हमारा नाम भी होगा और पहचान भी बनेगी कि ऐसे होता है काम! वरना बाहर के लोग क्या खाक़ जानें काम करने का तरीका!

पर सच कहें तो उम्मीद यही है कि यह दोनों सी इ ओ अपना काम अच्छे से करें, देश का नाम ऊँचा करें और विश्व में एक सकारात्मक बदलाव लाएँ! इतनी शक्ति तो इन्हें मिल ही गयी है!

हमारी दुआएँ हैं इनके साथ!