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इस देवता की आराधना से आपका अगस्त महिना गुज़रेगा शुभ !

सूर्य की आराधना

सूर्य की आराधना – हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है|

अन्धकार को दूर कर प्रकाश की किरणे फैलाने वाले सूर्य देव को पंचदेवों में सबसे प्रमुख देवता माना जाता है| सूर्य इस ब्रम्हांड में उर्जा का एकमात्र स्त्रोत है और बिना उर्जा के संसार की हर सजीव वस्तु भी निष्क्रिय हो जाती है| सूर्य के मानव जीवन में महत्व को समझते हुए हिन्दू धर्म में ही नहीं अन्य धर्मो में भी सूर्य को धार्मिक द्रष्टि से देखा जाता है| हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को जल अर्पण करने से व विधिवत सूर्य की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होने के साथ-साथ पापों से मुक्ति मिलती है|

विश्व में सूर्य को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है अर्थात् हर कोई इनके साक्षात दर्शन कर सकता है। सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए तांबे के पात्र में पुष्प रखकर उन्हें जल चढ़ाना चाहिए।

सूर्य की आराधना

सभी ग्रहों में सूर्य नारायण सबसे तेजस्वी और कांतिमय हैं। अतएवं सूर्य आराधना से शरीर भी सुंदर और कांतिमय होता है। ह्रदय रोगियों के लिए भी सूर्य की उपासना करने से आशातीत लाभ होता है। इन्हें आदित्य ह्रदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इससे सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु होने का फल प्रदान करते हैं।

मनोवांछित फल पाने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए प्रत्येक रविवार गुड़ और चावल को नदी अथवा बहते पानी में प्रवाहित करें। तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करने से भी सूर्य भगवान की कृपा रहती है। ध्यान रहे सूर्य भगवान की आराधना का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है। रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा स्तुति को समर्पित है. अगर आपके मन में कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं है तो आप रविवार का व्रत कर सकते हैं. सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है. कैसे करें सूर्य देव की पूजा आइए जानें…

कैसे दें सूर्य को अर्घ्य

पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता बताई गई है. प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मन्त्र का जाप करते हुए भगवान् सूर्य को अर्घ्य देकर देनी चाहिए. इस अर्घ्यदान से भगवान ‍सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं.

सूर्य की आराधना

सूर्य की आराधना – सूर्य पूजा में करें इन नियमों का पालन

– प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए.

– नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें.

– संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें.

– सूर्य के मंत्रो का जाप श्रद्धापूर्वक करें.

– आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें.

– स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए ‘नेत्रोपनिषद्’ का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए.

– रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करना चाहिए

इस तरह से करते है सूर्य की आराधना –