आध्यात्मिक संत गुरु भय्यू जी महाराज के सुसाइड केस की जांच चल रही है और इसमें लगे अफसरों ने पिछले बुधवार उनके दो भाईयों से पूछताछ की। छोटे भाई ने बताया कि महाराज की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं चल रही थी और वो पैसों की तंगी से परेशान थे।
पारिवारिक तनाव के बीच लंबित प्रोजेक्ट की वजह से भी परेशान थे।
इस केस को लेकर पुलिस अब तक 20 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। भय्यू जी महाराज के भाई अरुण देशमुख का भी बयान लिया गया। उन्होंने बताया कि जब से वचो सहकारी बैंक से चपरासी के पद से रिटायर हुए हैं उसके बाद से उनका महाराज से मिलना बहुत ही कम हो पाया था।
कौन थे भय्यू जी महाराज
मध्य प्रदेश सरकार ने भय्यू जी महाराज को राज्यमंत्री बनाया था। आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन भय्यूजी मॉडलिंग भी कर चुके हैं। जी हां, एक समय पर वो मॉडल थे। मॉडलिंग छोड़कर उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना और फिर राजनीति में आ गए। वो सियाराम के लिए मॉडलिंग कर चुके हैं। भय्यूजी आध्यात्मिक गुरु भी थे जो गृहस्थ जीवन जीते थे और उनकी एक बेटी कुहू भी है। भय्यूजी देश के दूसरे आध्यात्मिक गुरुओं से बिलकुल अलग थे और वो कभी खेतों की जुताई करते देखे जाते थे तो कभी क्रिकेट खेलते हुए मैदान में नज़र आते थे। उन्हें घुडसवारी और तलवारबाजी का भी बहुत शौक था। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में 29 अप्रैल 1968 को जन्मे भय्यूजी के चहेतों के बीच धारणा है कि उन्हें भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद हासिल था। महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा दिया गया था। वे सूर्य की पूजा करते थे और घंटो जल समाधि करने का उनका अनुभव था।
इस वजह से किया सुसाइड
भय्यू जी महाराज के छोटे भाई ने इस बात को स्वीकार किया कि सुसाइड की वजह आर्थिक परेशानियां थीं। उनके पास नकदी खत्म हो गई थी और वो अपने अनुयायियों और अन्य लोगों से मदद मांग रहे थे लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। उनके भाई दिलीप ने यह भी बताया कि वो को ऑपरेटिव सहकारी संस्था में मैनेजर हैं। कुछ समय पूर्व महाराज ने सदृगुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
गुरु पूर्णिमा की कर रहे थे तैयारी
27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व है और सभी के प्यारे भय्यू जी महाराज इसे लेकर बहुत उत्साहित थे। वह इस बार आश्रम परिवार और ट्रस्ट के बीच के लोगों के आपसी मतभेद मिटाकर सभी से रूबरू होकर संवाद का मन बना रहे थे।
इसके लिए वो कई योजनाएं भी शुरु करने वाले थे और कुछ महत्वूपर्ण लोगों को नई जिम्मेदारियां देने वाले थे। हालांकि, उनके सुसाइड कर लेने से अब सूर्योदय आश्रम से जुड़े भक्त और ट्रस्ट के अधिकार गुरु पूर्णिमा महोत्सव को पूरा करेंगें।
कुछ महीनो पहले ही भय्यू जी महाराज ने अपनी पत्नी के अलावा किसी और से शादी की थी जिस वजह से उनके घर में पारिवारिक कलह चल रही थी। उनकी मौत पर उनकी दूसरी पत्नी तक दिखाई नहीं दी, शायद वो भी भय्यूजी महाराज के परिवार की वजह से सबके सामने आने से डर रही हैं।
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