सुहास गोपीनाथ – कई व्यक्ति दूसरों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते हैं। जो अपने जीवन संघर्ष से अन्य लोगों को प्रेरणात्मक बना देते हैं जिससे लोग स्वयं के जीवन में कुछ-न-कुछ अच्छा कर पाएं।
ऐसे ही एक प्रेरणात्मक व्यक्ति है। हालांकि इस प्रेरणात्मक व्यक्ति ने उस उम्र में स्वयं को अन्य के लिए मील का पत्थर साबित किया, जब वो केवल 14 वर्षीय था।
यह उम्र आमतौर पर बच्चों के लिए मौज मस्ती व रंग बिरंगे सपनों से भरी रहती है। मगर इस बालक ने महज 14 वर्ष में ग्लोबल इन्क ( GLOBAL INC) कंपनी का शिलान्यास किया। और आगे जाकर यह बालक एक प्रतिष्ठित कंपनी का CEO भी बना।
फिलहाल यह छोटा बालक सुहास गोपीनाथ अब वयस्क हो चुका है। मगर सुहास गोपीनाथ का छोटी उम्र में कंपनी की स्थापना करना और उनका कंपनी से CEO तक का सफर कैसा रहा ?। यह सुहास गोपीनाथ के सफरनामे से जानते हैं ।
सुहास गोपीनाथ का बचपन के वो दिन
सुहास का जन्म बैंगलोर में एक मध्यमवर्गीय परिवरा में हुआ था। बचपन में सुहास का शौक पशु विज्ञान में था। लेकिन जब सुहास ने अपने दोस्तों को कंप्यूटर (PC) के बारे में बात करते हुए सुना, तो उनके अंदर कंप्यूटर के लिए शौक पैदा हुआ। हालांकि सुहास के पास कंप्यूटर खरीदने के लिए पर्याप्त रुपये नहीं थे। लेकिन सुहास ने अपने शौक को खत्म होने भी नहीं दिया। सुहास ने अपने घर के नजदीक एक साइबर कैफे में दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक पार्ट टाइम नौकरी शुरु की थी। जिससे सुहास को वहां नेट सर्फिंग का अच्छा मौका मिला।
सुहास ने इस अवसर को सकारात्मक रुप से लिया और वेब डिजाइन के कई तरीके भी सुहास ने सीख लिए थे। सुहास का इस चाहत ने बहुत जल्द उन्हें वेबसाइट बनाने की ओर झुका दिया। सुहास, केवल 13 वर्ष में एक फ्रीलांस मार्किट पर वेब बिल्डर बतौर पंजीकृत हो गए थे। लेकिन रुपयों की तंगी ने उनके सपनों पर दोबारा मुसीबत पैदा कर दी थी। इसलिए शुरुआत में सुहास ने एक फ्री में वेबसाइट तैयार की । इस वेबसाइट के कारण सुहास को कई ऑफर मिलने लगे थे। जिसने सुहास का जीवन ही बदल दिया।
शिक्षा पर हुआ बुरा असर
नेट सर्फिंग और वेबसाइट के पीछे दिवाने की तरह लगे सुहास को शिक्षा में अपने पेरेंट से काफी सुनना पड़ता था। क्योंकि सुहास जैसा होनहार विद्यार्थी 10वीं क्लास में फेल हो गया था। जिससे सुहास के पेरेंट हैरान हो गये कि सुहास जैसा काबिल स्टूडेंट फेल कैसे हो गया। इसके बाद अगले 4 महीने तक सुहास ने केवल स्कूली शिक्षा पर ध्यान दिया और वह 1ST डिविजन से पास भी हुए।
14 वर्ष में लिया बड़ा निर्णय
सुहास की मेहनत अब रंग दिखाने लगी थी। US की एक कंपनी ने उन्हें न केवल पार्ट टाइम का ऑफर दिया था, साथ ही सुहास का शिक्षा पर होने वाले खर्चे की जिम्मेदारी भी वो उठाने के लिए तैयार थे। मगर सुहास ने इस ऑफर को ठुकरा कर और अपनी ही कंपनी को लाने का निर्णय लिया। सुहास का इस बड़े निर्णय ने उन्हें महज 14 साल में GLOBAL INC कंपनी स्थापित करने का रास्ता दिखाया। जिससे सुहास आज छोटी उम्र में सभी के लिए एक मिसाल है।
GLOBAL INC को कराया US में रजिस्टर
सुहास का अपनी कंपनी को अमेरिका में रजिस्टर करवाने का एक कारण था। सुहास की आयु, जो भारत के मुताबिक माइनर है। इसलिए सुहास ने अमेरिका में कंपनी को पंजीकृत करवाया था। पंजीकृत के बाद सुहास का कंपनी ने काफी सफलता हासिल की थी। सुहास ने अमेरिका के बाद स्पेन और इटली में अपने ऑफिस खोले। वह अपनी कंपनी के कारण CEO भी बने।
मगर 18 वर्ष होने के बाद ही उन्होंने अपनी कंपनी को भारत में रजिस्टर भी करवा दिया था।
सुहास का अवॉर्ड्स
सुहास गोपीनाथ वर्ल्ड बैंक की ICT काउंसिल में बतौर बोर्ड मेंबर हैं।
कर्नाटक सरकार की तरफ से उन्हें राज्योत्सवा अवॉर्ड (RAJYOTSAVA AWARD) भी दिया गया।
सुहास गोपीनाथ को यूरोप पार्लियामेंट और इंटरनेशनल संगठन की तरफ से यंग अचीवर अवॉर्ड (YOUNG ACHIEVER AWARD) भी दिया गया है।
वर्ल्ड अर्थव्यवस्था मंच ने उन्हें यंग ग्लोबल लीडर (YOUNG GLOBAL LEADERS) अवॉर्ड से नवाजा।
सुहास गोपीनाथ का यह सभी उपलब्धियां और उनका सपना आज विश्व में सफलता हासिल कर चुका है। जो दूसरों के लिए आज एक सफलता का सूत्र है।