सफलता की कहानी – सफल लोगों को देखकर लगता है कि वे तो हमेशा से ही सफल होते रहे होंगे। लेकिन ऐसा असल में ऐसा नहीं है।
कई शख्सियतें हैं जो सफल होने से पहले कई बार असफल हुए हैं। वो सफल केवल इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने अपनी असफलता से कभी हार नहीं मानी और अंत तक कोशिश करते रहे।
आज हम ऐसी 5 महान शख्सियतों की सफलता की कहानी जो सफल होने से पहले कई बार असफल हो चुके थे।
सफलता की कहानी –
अब्राहम लिंकन
अब्राहम लिंकन का नाम हर कोई जानता है। ये अमेरिका के पहले ब्लैक राष्ट्रपति है। इनकी गिनती अमेरिका के सबसे सफल राष्ट्रपति के तौर पर होती है। जबकि राष्ट्रपति बनने से पहल ये कई बार असफल हो चुके थे। अगर हम ये कहें कि राष्ट्रपति बनने से पहले इनकी पूरी जिंदगी असफलताओं में ही बीती तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
वर्ष 1832 में इनकी जॉब चली गई थी और उसके बाद जो विधानसभा का चुनाव लड़ा था वो हार गए। फिर उन्होंने बिजनेस शुरू किया। वो भी फेल हो गया। वर्ष 1834 में फिर से विधान सभा का चुनाव लड़ा जो की वो जीत गए लेकिन अगले साल ही इनकी पत्नी का निधन हो गया। वर्ष 1836 में मानसिक बीमारी का सामना करना पड़ा और 1838 में फिर से एक चुनाव हार गए। वर्ष 1843 में कांग्रेस का नामिनेशन कनहीं मिला और वर्ष 1849 में उनका भूमि अधिकरण ख़ारिज हो गया। 1854 में सीनेट का चुनाव में हार हुई। फिर साल 1856 में उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुने नहीं गए। साल 1858 में दोबारा उपराष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया और फिर से चुनाव हार गए। लेकिन इतनी हार और असफलताओं को देखने के बावजूद लिंकन ने हार नहीं मानी और अंत में अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के कारण अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति बने। उनका कार्यकाल 1861 से 1865 तक रहा। आज भी इनकी गिनती महान नेताओं में होती है।
अल्बर्ट आइंस्टीन
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को भी शुरुआत में कई सारी असफलताएं झेलनी पड़ीं। इन्हें दुनिया सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण (E = mc2) की खोज के लिए जानती है। लेकिन इस महान खोज से पहले दुनिया इन्हें एक फेल्योर समझती थी। इन्हें साल 1921 में फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 1999 में टाइम पत्रिका ने इन्हें शताब्दी-पुरूष घोषित किया था।
लेकिन आइंस्टीन का बचपन में काफी मजाक उड़ा करता था क्योंकि ये पढ़ने में तेज नहीं थे। बचपन में इनकी गिनती कमजोर विद्यार्थियों में होती थी। पढ़ने में वो इतने कमजोर थे कि उनके शिक्षक उन्हें अक्सर स्कूल छोड़ देने की सलाह दिया करते थे। और यही बच्चा आगे चलकर फिजिक्स का महान वैज्ञानिक आइंस्टीन बना।
आइजक न्यूटन
दुनिया में दो एप्पल काफी फेमस हैं। एक एडम का एप्पल और दूसरा न्यूटन का एप्पल।
पहले की खोज तो अचानक हुई थी लेकिन न्यूटन के एप्पल की खोज वर्षों में हुई थी और इस खोज से पहले न्यूटन कमजोर छात्र थे। इनका जन्म वर्ष 1642 में ब्रिटिश शहर बुल्सथोर्प मे हुआ था। न्यूटन 12 साल में स्कूल में एडमिशन हुआ था लेकिन उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उन्हें पढ़े गए पाठ कभी याद नहीं रहते थे। जबकि यही न्यूटन आगे चलकर दुनिया को गुरूत्वाकर्षण के बारे में बताया। इनकी गिनती विज्ञान और गणित के बड़े जानकारों में होती है। इन्होंने प्रकाश विज्ञान और गुरुत्वाकर्षण की खोज की जिसके लिए विज्ञान जगत आज भी याद करता है।
बिल गेट्स
माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स भी कई बार हार का सामना कर चुके थे। आज भले ही इन्हें एक सफल इंसान के तौर पर हर कोई देखता लेकिन ये एक कॉलेज के एक ड्राप आउट स्टूडेंट है। कॉलेज ड्रॉप करने के बाद इन्होंने ट्राफ-ओ-डाटा नामक कंपनी खोली जिसमें वो असफल रहे। लेकिन फिर भी ये हार नहीं माने और इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत की। जिसके जरिये इन्होंने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी।
जेके रोलिंग
अंत में बात करते हैं दुनिया की सबसे महान और सफल मूवी की प्रेरणादाता जेके रोलिंग की। इन्होंने वर्ष 1982 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश-परीक्षा में भाग लिया, जहां उन्हें प्रवेश नहीं मिला और उसके बाद उन्हें मजबूरन फ्रेंच और प्राचीन साहित्य की पढ़ाई के लिए एक्सेटर विश्वविद्यालय में बीए में प्रवेश लेना पड़ा। 30 की उम्र तक आते-आते जेके रोलिंग अपने जीवन से इतना परेशान हो चुकी थी कि उन्होंने कई बार आत्महत्या करने के बारे में भी सोचा। “हैरी पॉटर ” पब्लिश होने से पहले रोलिंग काफी गरीब थी और एक-एक पैसे के लिए मोहताज थीं। लेकिन 31 की उम्र में जब इनकी ‘हैरी पॉटर’ सीरीज पब्लिश हुई तो ये रातों-रात महान लेखक में शुमार हो गईं। अब ये दुनिया की अमीरों में शामिल होती हैं। वर्ष 2016 में उनकी कुल संपत्ति लगभग 1 अरब डॉलर आंकी गई थी।
तो ये ही सफल लोगों के पीछे चुपी सफलता की कहानी जो हमें कभी भी हार ना मानने की प्रेरणा देती है।