खबर मेरठ जिले से है, जहां पर चमत्कार हो गया है.
महानगर के डॉक्टरों ने दुनिया का पहला सफल आयुर्वेदिक सर्जरी कर दिखाया है.
और… सबसे खास बात ये है की मरीज बिलकुल स्वस्थ है और अपने सारे काम कर रहा है.
आइये इस आयुर्वेदिक सर्जरी की खबर को विस्तार से जानते है
दरअसल 83 साल के ओजस्वी शर्मा जो रिटायर्ड प्रोफ़ेसर है. इन्होने जीवन में कभी भी एलोपेथिक दवाइयों का सहारा नहीं लिया. इस उम्र में प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ जाने के कारण ऑपरेशन करना जरुरी हो गया था. जिस पर डॉक्टरों ने उन्हें एंटीबायोटिक के जरिये ऑपरेशन करने की सलाह दी लेकिन जब वे नहीं माने तो डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तमाल किया. एंटीबायोटिक डोज की जगह डॉक्टरों ने आंवला, हल्दी, सहजन, और गुग्गुल का सहारा लिया.
आयुर्वेदिक सर्जरी सफल रही और ओजस्वी शर्मा बिलकुल स्वस्थ है. अब तो वो बाजार जाकर सब्जियां भी लाते है.
आनंद हॉस्पिटल के डॉक्टर सुभाष यादव की माने तो मरीज को एंटीबायोटिक्स से एलर्जी थी इसलिए डॉकटरो के पैनल ने आयुर्वेदिक सर्जरी करने का फैसला लिया.
सर्जरी चाहे जो भी हो लेकिन सर्जरी से पहले और बाद में मरीज को एंटी बायोटिक्स का डोज दिया जाता है, उसके बाद ही ऑपरेशन किया जाता है. लेकिन 83 साल के ओजस्वी शर्मा के केस में आयुर्वेदिक तरीके से सर्जरी की गई और 240 ग्राम का प्रोस्टेट बाहर निकला गया है. और वो भी बिना एंटीबॉयोटिक डोज दिए.
डॉकटरो के लिए ये ऑपरेशन किसी चेलेंज से कम नहीं था. डॉक्टरों का कहना है एलोपेथिक दवाइयों में साइड इफेक्ट भी बहोत है,कोशिश करे आयुर्वेदिक के साथ चलने की.
बाजार में कई ऐसी मल्टीनेशनल फार्मा कम्पनिया आ चुकी है, जिन्हे लोगो के स्वास्थ से नहीं बल्कि मुनाफे से मतलब है.
ऐसी कम्पनियों पर अब सरकार को ही नकेल डालनी होगी और तब जाकर ये देश पहले की तरह आयुर्वेद देश माना जाने लगेगा.
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