भगवान हनुमानजी की बातें – माना जाता है कि इस कलयुग में भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न होकर उनके दुखों को अगर कोई पल भर में हर लेता है तो वो हैं भगवान शिव के रुद्रावतार और श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी.
हनुमान जी अपने भक्तों के जीवन से समस्त बाधाओं को दूर करते हैं और उनके जीवन को सुखमय बना देते हैं. यही वजह है कि अधिकांश लोग हनुमान जी की पूजा और आराधना करते हैं.
हनुमान जी के जीवन के बारे में अगर गंभीरता से अध्ययन किया जाए तो ये बात समझ में आती है कि उनके सिद्धांतों का पालन करके इंसान अपने जीवन को सुखमय बना सकता है.
आइए इस लेख के ज़रिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान हनुमानजी की बातें, जिन्हें अपने जीवन में शामिल करके इंसान हर काम काम में आसानी से सफलता पा सकता है.
भगवान हनुमानजी की बातें –
1- संवाद कौशल
ऐसे अधिकांश लोग हैं जिन्हें संवाद कौशल यानि कम्युनिकेशन स्किल की कमी के चलते असफलता का मुंह देखना पड़ता है. लेकिन अगर आपने हनुमान जी के जीवन से संवाद कौशल की कला को सीख लिया तो आपकी सफलता निश्चित है.
रामायण की गाथा में हनुमान जी के संवाद कौशल का उदाहरण देखने को मिलता है. बताया जाता है कि जब अशोक वाटिका में माता सीता से हनुमान जी पहली बार मिले तो वो काफी देर तक बस यही सोचते रह गए कि सीता जी से बात कैसे की जाए. कहीं उनके वानर रुप को देख माता सीता डर तो नहीं जाएंगी, या फिर वो उनकी बात पर कैसे भरोसा करेंगी.
हालांकि यह सब सोचने के बाद हनुमान जी अपने संवाद कौशल से माता सीता को यह भरोसा दिलाने में कामयाब रहे कि वे भगवान राम के ही दूत हैं.
2- विनम्रता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब श्रीराम के कहने पर हनुमान जी लंका जा रहे थे तो समुद्र लांघते समय रास्ते में उनकी मुलाकात सुरसा नाम की एक राक्षसी से हुई. यहां पहले तो हनुमान जी उस राक्षसी से टकराए.
लेकिन जब उन्हें ये समझ में आया कि ऐसा करके उनका समय बर्बाद हो रहा है तो उन्होंने विनम्रता दिखाते हुए सुरसा से जाने देने का आग्रह किया और उनके इस विनम्र स्वभाव को देखकर सुरसा ना सिर्फ प्रसन्न हुई बल्कि उन्हें लंका की ओर बिना किसी रोक-टोक के जाने दिया.
3- संयम
हनुमान जी ने अपने जीवन में कभी भी संयम को नहीं तोड़ा और उन्होंने हमेशा संयमित जीवन का पालन किया. बताया जाता है कि भगवान श्रीराम की सेवा के लिए हनुमान ने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया.
हनुमान जी ने अपने संयमित जीवन से अपने भक्तों को यह संदेश दिया है कि खान-पान में सावधानी बरतने और संयमित दिनचर्या के साथ रहने से बीमारी जल्दी पास नहीं आती है. इतना ही नहीं जीवन में सफलता पाने के लिए थोड़ा संयम रखना बेहद ज़रूरी है.
4- समाधान
दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान हनुमान जी के पास न हो. हनुमान जी हमेशा अपने कार्य को एकाग्रता के साथ पूर्ण करके ही वापस लौटते हैं. रामायण के एक प्रसंग के अनुसार रावण की सेना से युद्ध के दौरान लक्ष्मण जब मुर्छित हो गए तो वैद्य ने बताया था कि सुमेर पर्वत में संजीवनी नाम की दवा है.
हनुमान जी जब उस पहाड़ पर पहुंचे तो वे उस दवा को पहचान नहीं सके लेकिन खाली हाथ वापस लौटने के बजाय वो पूरा पहाड़ ही अपने साथ उठाकर ले आए. इसलिए व्यक्ति को भी समस्याओं से घबराने के बजाय उसका समाधान ढूंढना चाहिए.
5- समर्पण
भगवान राम ने जब भी हनुमान जी को कोई कार्य दिया उन्होंने सदैव उस कार्य को पूर्ण करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. हनुमान जी ने हमेशा समर्पण की भावना से अपने सभी कार्यों को पूर्ण किया. इसलिए व्यक्ति को अपने कार्य के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए क्योंकि समर्पण के भाव से किया गया हर कार्य सफल होता है.
गौरतलब है कि रामभक्त भगवान हनुमानजी की बातें अगर व्यक्ति अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे जीवन में कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता और सफलता सदैव उसके कदम चूमती है.
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