मोदी जाहिर भले ही न कर रहे हों लेकिन उनके चेहरे पर तनाव को साफ देखा जा सकता है.
मोदी ही नहीं मोदी के सिपहसालार की भी रातों की नींद उड़ी हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जब तक हमले के दोषियों को उनके अंजाम तक नहीं पहुंचा दिया जाता, तब तक चैन से बैठने का कोई मतलब नहीं हैं.
आइए हम बताते हैं कौन हैं मोदी के सिपहसालार जिनकी रातों को नींद मोदी ने उड़ा रखी है?
मोदी के सिपहसालार –
1 – अजित डोभाल
उड़ी आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अगर सबसे अधिक दवाब किसी पर है तो वे हैं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल। एक समय डोभाल ने कहा था कि यदि पाकिस्तान मुंबई जैसा हमला करता है तो वह बलूचिस्तान से हाथ धो बैठेगा. पूर्व आईबी प्रमुख डोभाल अपने खतरनाक कोवर्ट अभियानों के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. पाकिस्तान में 7 साल गुप्त रूप से रहे डोभाल से पाक खुफिया एजेंसी ही नहीं सेना भी घबराती है. पहले पठानकोट और अब उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद डोभाल से मोदी ही नहीं देशवासियों को भी बहुत उम्मीदें हैं.उनके ऊपर जल्द ही म्यांमार जैसी खुशखबरी देशवासियों को देने का बहुत दवाब है.
2 – जनरल दलबीर सुहाग
जिस प्रकार से सेना के जवान मारे गए हैं उसको सेना की चूक के तौर पर भी देखा जा रहा हैं. सेना प्रमुख के नाते जनरल दलबीर सुहाग पर जवानों की भी जिम्मेंदारी है. उनके ऊपर इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने का न केवल देशवासियों बल्कि सेना का भी भारी दवाब है. क्योंकि यह नाकामी उनके खाते में भी दर्ज होगी. लिहाजा सेना के जवानों और देशवासियों का मनोबल न गिरने देने को लेकर जनरल सुहाग वार रूम में रात रात भर बैठकर रणनीति बना रहे हैं.
3 – रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर
म्यांमार में भारतीय सेना के ऑपरेशन के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि मैं देश को आश्वासन दे सकता हूं कि हम सुनिश्चित करेंगे कि दुश्मन छद्म युद्ध में दिलचस्पी न दिखाये. लेकिन जिस प्रकार एक बाद एक आतंकी हमलों में जवान शहीद हो रहे हैं उससे रक्षा मंत्री की उस उम्मीद को भी झटका लगा है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस साल सैनिकों के शहीद होने की संख्या में कमी आई है. लिहाजा वे भी रात रात आफिस में बैठकर खाका बनाने में जुटे हुए हैं।
4 – गृह मंत्री राजनाथ
देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेंदारी बीएसएफ की है और यह गृह मंत्री राजनाथ के अधीन है. उरी में आतंकी सीमापार कर ही भारत की सीमा में दाखिल हुए थे. इस कारण पाक की ओर से एक गोली के जवाब में गोली न गिनने की बात करने वाले राजनाथ सिंह भी इस समय भारी दवाब में हैं. घाटी में जिस प्रकार आतंकी घटनाओं में तेजी आई है उसको देखते हुए गृहमंत्रालय दिन रात रणनीति बनाने में जुटा है।
5 – प्रमुख दिनेश्वर शर्मा
भारतीय खुफिया विभाग के प्रमुख के प्रमुख दिनेश्वर शर्मा भी रातों को चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं उन पर प्रधानमंत्री का काफी दवाब पड़ रहा है.मोदी चाहते हैं खुफिया विभाग को जम्मू कश्मीर में ज्यादा ज्यादा से मजबूत किया जाए ताकि आने वाले दिनों में आतंकियों के विरूद्ध अभियान में सेना और सुरक्षा बलों को कोई परेशानी न हो.इसके लिए सब अधिकारियों को टाइम बाउंड टार्गेट दिए गए हैं।
ये है मोदी के सिपहसालार – सेना के 18 जवानों के मारे जाने के बाद देशवासियों में पाकिस्तान के खिलाफ उपजा आक्रोश दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है.
यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने हमलावरों पर प्रहार करने से पहले गृह और रक्षा मंत्रालयों और उनसे संबंधित प्रमुख लोगों को दिनरात जानकारी एकत्रित करने में लगा रखा है.
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