इंडियन ओशन बैंड का एक गाना है…देस मेरा रंगरेज़ ये बाबू घाट घाट यहाँ घटता जादू
ये गाना हमारे देश के लिए एकदम सही बैठता है. भारत का रंग ढंग ही अलग है. यहाँ जो भी होता है वो कम है. जैसा कि हम सब जानते है कि भारत के लोग बहुत ही धार्मिक होते है और हर चीज़ में भगवान् और ख़ुदा ढूंढ ही लेते है.
अपने देश में चाहे सड़क,अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाएँ हो ना हो पर हर गली नुक्कड़ पर कोई न कोई धार्मिक स्थल ज़रूर दिख जाता है. कहीं मंदिर कहीं मजार तो कहीं मदर मैरी.
अब बात जब धर्मस्थलों की हुई है तो चलिए आज आपको बताते है कुछ ऐसे धर्मस्थलों के बारे में जिनके बारे में पढ़कर आप भी बोलेंगे यार एक ट्रिप तो बनता है इस मंदिर का.
एयरोप्लेन गुरुद्वारा जालंधर
विदेश जाने का सपना है लेकिन पूरा होने में बार बार रुकावटें आ रही है. पहुच जाईये जालंधर. जालन्धर में बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा जिसे एयरोप्लेन गुरूद्वारे के नाम से भी जाना जाता है.
अगर आपका सपना विदेश यात्रा का है तो बस इस गुरूद्वारे में मत्था तेकिये और एक छोटे हवाई जहाज को भेंट चढ़ाइए. है ना कमाल का गुरुद्वारा.
सचिन तेंदुलकर मंदिर (बिहार)
सचिन को क्रिकेट का भगवान् कहा जाता है. दक्षिण बिहार के एक गाँव के लोगों ने इस बात को साबित भी कर दिया है. इस गाँव में सचिन तेंदुलकर का मंदिर बनाया गया है. इस मंदिर में सचिन की 5.5 फीट ऊँची मूर्ति लगे गयी है. देश भर से सचिन के चाहने वाले इस मंदिर में अपने भगवान् के दर्शन के लिए आते है.
काल भैरव मंदिर (उज्जैन)
भगवान् और शराब.. सुनकर अजीब लगता है ना लेकिन ये सच है. उज्जैन में स्थित कल भैरव मंदिर में प्रसाद के रूप में शराब चढ़ती है लोगों का ये भी कहना है जब भैरव बाबा के मुंह से शराब लगाई जाती है तो शराब गायब हो जाती है. भैरव बाबा अपने भक्तों द्वारा चढ़ाई गयी शराब में भी भेद भाव नहीं करते चाहे उनके मुंह पर देसी लगे जाए या फिर महंगी स्कॉच बाबा सब खत्म कर देते है.
कुत्तों का मंदिर (कर्नाटक)
कुत्ते इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते है. इनकी वफादारी का दुनिया में कोई सानी नहीं है. बंगलौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर कुत्तों का ये मंदिर स्तिथ है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि गाँव के कुलदेवता के साथ मिलकर ये कुत्ते लोगों की हर समस्या दूर करते है.
चाइनीज़ काली मंदिर (कोलकाता)
दिखने में ये मंदिर एक साधारण काली मंदिर जैसा लगता है. लेकिन इस मंदिर की सबसे खास बात है इस मंदिर में चढ़ने वाला चढ़ावा और प्रसाद. इस मंदिर में काली माता को भोग के रूप में नूडल, सूप, चोप्सी और फ्राइड राइस चढ़ाये जाते है.कोलकाता के ह्रदय में स्थित ये मंदिर भारतीय और चीनी संस्कृतियों का संगम है.
देखा आपने कैसे अजबगजब मदिर है हमारे देश में. इनमें से कौनसे मंदिर आना चाहेंगे आप. एकबात और अगर आपके आसपास भी ऐसा ही कोई अजीबोगरीब धार्मिक स्थान हो तो हमें ज़रूर बताइए.
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