रावण बुराई का प्रतीक, राक्षसों का राजा.
लेकिन अगर ये कहा जाए कि एक स्थान ऐसा है जहाँ रावण की पूजा के बिना भगवान् शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है.
जी हाँ ये सच है हमारे देश में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भगवान शिव की पूजा तब तक व्यर्थ मानी जाती है जब तक की राक्षसराज की पूजा ना की जाए.
आइये आपको बताते है इस अनोखे मंदिर के बारे में.