दुर्योधन ने सभी योद्धाओं को कर्ण से युद्ध करने की चुनौती दी. इस बात को सुनकर बहुत से राजा पीछे हट गए. कुछ ने युद्ध की चुनौती स्वीकार की लेकिन उन्हें कर्ण ने पलक झपकते ही हरा दिया. उसी समय जयद्रथ ने कर्ण को युद्ध करने की चुनौती दी.
कर्ण और जयद्रथ के बीच भीषण युद्ध हुआ. दोनों एक से बढ़कर एक योद्धा थे. करीब 21 दिन चले इस युद्ध के अंत में कर्ण ने जयद्रथ को हरा दिया. जयद्रथ के जीवन की ये पहली हार थी. इस युद्ध के बाद कर्ण का रण कौशल देखकर जयद्रथ कर्ण का मित्र बन गया और अपने राज्य का एक भाग कर्ण को उपहार में दे दिया.