उत्पत्ति की कथा
शिव पुराण के अनुसार एक बार विष्णु और ब्रम्हा में अपनी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए युद्ध हुआ. जब दोनों ने दिव्यास्त्रों का प्रयोग किया तो उनके असर को खत्म करने के लिए उन अस्त्रों के बीच शिव लिंग के रूप में आ गए.
इस अद्भुत शिवलिंग को देख दोनों अचरज में पड़ गए और इसका आदि और अंत ढूंढने के लिए कोशिश करने लगे. विष्णु पाताल में जाकर एक कोण ढूंढने लगे और ब्रह्मा आकाश में जाकर. लेकिन दोनों ही असफल हुए. तब शिव ने दर्शन देकर कहा कि तुम दोनों ही बराबर हो.
यहिओ शिवलिंग काठगढ़ महादेव में है. चंद्रमा की कलाओं के साथ साथ इस शिवलिंग का आकार घटता और बढ़ता रहता है.