यहाँ हर शाम आरती होती है. मेले के दौरान महीने भर तक विशेष आरती होती है.
इस आरती की सबसे अनोखी बात ये होती है कि आरती के दौरान कुत्ते भी आरती में ना सिर्फ हिस्सा लेते है अपितु वाद्ययंत्रों की आवाज़ के साथ अपनी आवाज़ भी मिलाते है. इस दौरान होने वाली आरतियों में सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा की आरती होती है. पूर्णिमा की रात को बाबा की शक्ति सबसे ज्यादा होती है और अधिकतर लोगों को इसी दिन प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है.