जब प्रेत बाधा से ग्रसित लोग परिक्रमा लगा रहे होते है वो दृश्य बड़ा भयानक होता है. कमज़ोर दिलवाले तो वो दृश्य देख ही नहीं सकते.
परिक्रमा लगाते हुए कोई लोहे की मोटी मोटी जंजीरों से बंधा रहता है, कोई जोर जोर से चीखता रहता है कोई कराहता है, कोई बडबडाता है. जैसे जैसे इनकी हालत सुधरती है माहौल शांत होजाता है.
पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद स्वस्थ होने वाले व्यक्ति के शरीर के वजन के बराबर गुड मंदिर में चढ़ाया जाता है. हर वर्ष टनों गुड़ मंदिर में इकठ्ठा होता है जिसे आये हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बाँट दिया जाता है.