हमारा देश बहुत ही अनोखा है. एक ओर यहाँ आधुनिकता में डूबे हुए शहर है तो दूसरी ओर देश के कुछ कोने ऐसे भी है जहाँ के रीती रिवाज ऐसे है कि सुनकर ही सर चकरा जाए. मेले हमारे यहाँ के गाँवों की पहचान है. साहित्य से लेकर सिनेमा तक हर क्षेत्र में मेलों का विशेष स्थान है.
अलग अलग इलाकों में लगने वाले मेले उस इलाके के रीति रिवाज़ और रहन सहन की झलक प्रस्तुत करते है.
ऐसा ही एक मेला मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के एक गाँव में लगता है. इस मेले की सबसे खास बात ये है कि ये मेला इंसानों का नहीं भूतों का मेला होता है.