धीरे धीरे पुलिस और कानून का शिकंजा दाऊद पर कसने लगा था. गिरफ्तार होने के डर से दाऊद दुबई चला गया. कुछ समय बाद राजन भी दुबई आ गया . राजन के दुबई आने के बाद दाऊद का धंधा बहुत ही फलने फूलने लगा. राजन का दिमाग किसी मैनेजर से कम नहीं था.
वो राजन ही था जिसने दाऊद के धंधे को कंपनी की शक्ल दी. जहाँ हर किसी का काम बंटा होता था और किसी व्यापारिक कंपनी की तरह से लें दें और धंधा होता था. राजन ही वो शख्स था जिसने बड़ी सफाई से दाऊद के दुश्मनों को खत्म किया और मुंबई अंडरवर्ल्ड पर D- कम्पनी का वर्चस्व कायम किया.
लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ की पड़ गयी दरार बरसों की दोस्ती में