इस घटना के बाद राजन को बड़ा राजन का साथ मिला. बड़ा राजन ने अपनी छत्रछाया में राजन को धंधे के सारे गुर सिखाये. कुछ ही समय में राजन निखलजे बड़ा राजन का सबसे विश्वासपात्र बन गया.
एक पुरानी रंजिश के चलते एक आदमी ने बड़ा राजन की हत्या की सुपारी ली और उसे मार डाला. इस घटना के बाद राजन निखलजे गुस्से से पागल हो गया क्योंकि बड़ा राजन ना सिर्फ उसका बॉस था बल्कि उसका गुरु भी था. एक क्रिकेट के मैदान में दिन दहाड़े बल्ले और विकिट से मार मार कर राजन ने अपने गुरु की मौत का बदला लिया.
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