आज सुबह का अख़बार पढ़ा!
हाँ जेल में अख़बार मिलता है हमें पढ़ने के लिए! इतनी सहूलियत तो है|
सूपर स्टार सलमान ख़ान को बेल मिल गयी है और हाइ कोर्ट ने उन की 5 साल की सज़ा को सस्पेंड कर दिया है!
वाह!
अगर ये ना हुआ होता तो पैसे पर से मेरा विश्वास ही उठ जाता!
आख़िर इसी उम्मीद में तो मैं भी 3 साल से जेल में सड़ रहा हूँ कि एक दिन अचानक मेरे किसी भाई बंधु या मेरी बीवी की मोटी सी लॉटरी निकल आएगी, वो मेरे लिए कोई तगड़ा सा वक़ील खड़ा कर लेंगे, जज को मोटा पैसा खिला देंगे और मैं जेल से बाहर आ जाऊँगा! मेरी बीवी को हेलपर की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी और मेरे बच्चे भूखे मरने से बच जाएँगे| शायद थोड़ा पढ़ लिख भी जायें!
हाँ ये सब तब होगा जब दौलत की ताक़त होगी | जैसे सलमान खान भाईजान के पास है!
सही भी तो है!
हमारे देश के क़ानून की एक नहीं 3-4 किस्में हैं! शायद उस से भी ज़्यादा होंगी! जिस की तिजोरी में जितना माल है, जिस का जितना ऊँचा रुतबा है, उस हिसाब से क़ानून की किस्म लागू होती है!
तो कौन सा क़ानून खरीदना पसंद करेंगे आप अपने दौलत की ताक़त से ? महँगा वाला या सस्ता वाला?
भारत देश में आपका स्वागत है हुज़ूर!
अपनी अपनी जेबें टटोल कर रखिए और उतनी औक़ात का ही जुर्म कीजिए जितना क़ानून आप खरीद सकते हैं| अगर सबसे महँगा वाला खरीद सकते हैं तो फिर सड़क पर सो रहे फुटपाथिये की जान भी आप बड़े शौक़ से ले सकते हैं और फिर उस के बाद “बींग ह्यूमन” का बोर्ड लगा कर क़ानून से रिहा हो सकते हैं, अगली “किक” बनाने के लिए|
और गर नहीं है जेब में माल, तो भैया सोच समझ कर करना कोई धमाल!
मैं तो बस जेल के वॉर्डन जी से दरख़्वास्त करने जा रहा हूँ कि आज रात सलमान खान – सल्लू भाई की “दबंग – 2” दिखा दें टीवी पर, ताक़ि थोड़ा हौंसला बना रहे! लॉटरी निकल आने की उम्मीद भी बनी रहे| मेरी ग़रीब बीवी बॉस की भूखी निगाहों से बचती बचाती हेलपर की नौकरी करती रहे और मेरे बच्चे 2 वक़्त की रोटी खाते रहें|
मेरा क्या है, पिछले 3 साल से बिना किसी कुसूर के इस क़ैदखाने में हूँ, आगे भी देखी जाएगी|
मेरा भारत महान!