इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो उसमें एक बेहद खूबसूरत नारी का ज़िक्र होता है.
उसकी बड़ी-बड़ी आंखे, उसके चेहरे की सुंदर काया, और शरीर की आकर्षक बनावट को जो कोई देखता वो उसमें खो जाता था.
उस स्त्री को देखकर ऐसा लगता था जैसे ईश्वर ने उसे बड़ी मेहनत और लगन से बनाया हो.
इतिहास की वो स्त्री आज भी आम्रपाली के नाम से विख्यात है.
हर नारी की खूबसूरती उसके व्यक्तित्व में चार चांद लगा देती है लेकिन आम्रपाली के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसकी सुदंरता ही उसके लिए अभिशाप बन गई.
एक नारी की खूबसूरती को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. आम्रपाली को नगरवधू यानि वेश्या बनने के लिए मजबूर होना पड़ा.
वो कैसे कहलाई आम्रपाली ?
आम्रपाली के असली माता-पिता के बारे में तो कोई नहीं जानता लेकिन जिन्होंने उसका पालन-पोषण किया, उन्हें वो एक आम के पेड़ के नीचे मिली थी. जिससे वो आम्रपाली कहलाई.
सुंदर और आकर्षक थी उसकी काया
आम्रपाली बचपन से ही बहुत खूबसूरत थी. उसकी काया बेहद आकर्षक थी. जो भी उसे देखता था, वह अपनी नजरें उस पर से हटा नहीं पाता था. आम्रपाली जैसे-जैसे बड़ी हुई, उसका सौंदर्य चरम पर पहुंचता गया. लेकिन उसकी यही खूबसूरती, उसका यही आकर्षण उसके लिए श्राप बन गया.
हर कोई था आम्रपाली का दीवाना
हरकोई नारी की खूबसूरती का दीवाना होता है. ये आम्रपाली की खूबसूरती का ही कमाल था कि वैशाली का हर पुरुष उसे अपनी दुल्हन बनाने के लिए बेताब रहने लगा. लोगों में आम्रपाली के लिए दीवानगी इस हद तक थी कि वो उसको पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे.
लोगों की इस दीवानगी को देखकर उसके माता-पिता घबरा गए क्योंकि वो जानते थे कि आम्रपाली की शादी किसी एक से कराई गई तो बाकी के लोग उनके दुश्मन बन जाएंगे और आम्रपाली को पाने के लिए वैशाली में खून खराबा हो जाएगा.
आम्रपाली बन गई नगरवधू
इसी समस्या का हल खोजने के लिए एक दिन वैशाली में सभा आयोजित की गई. इस सभा में मौजूद सभी पुरुष आम्रपाली से विवाह करना चाहते थे, जिससे कोई फैसला करना बेहद मुश्किल था.
अंत में जो फैसला लिया गया उसकी कल्पना आम्रपाली ने सपने में भी नहीं की थी. सभा में सर्वसम्मति के साथ आम्रपाली को नगरवधू यानि वेश्या घोषित कर दिया गया.
ऐसा इसीलिए किया गया क्योंकि सभी जन वैशाली के गणतंत्र को बचाकर रखना चाहते थे. नगर वधू बनने के बाद हर कोई आम्रपाली को पाने के लिए आज़ाद था. इस एक फैसले ने उसे नगर के सभी लोगों के लिए एक वेश्या बनाकर रख दिया.
गौतम बुद्ध की शरण में गई आम्रपाली
आम्रपाली ने सभी के इस फैसले को अपनी तकदीर का लिखा मानकर स्वीकार कर लिया. उसने सालो तक वैशाली के धनवान लोगों का मनोरंजन किया.
लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब वो सबकुछ छोड़कर गौतम बुद्ध की शरण में चली गई और बौद्ध भिक्षुणी बनकर अपना जीवन बिताने लगी.
ये थी नारी की खूबसूरती की कहानी.
गौरतलब है कि आम्रपाली ने भी अपने खुशी जीवन को लेकर ढ़ेर सारे सपने संजोए थे, ईश्वर से उसे उपहार के रुप में सुंदर काया भी मिली, लेकिन तकदीर के आगे किसकी चलती है!
शायद इसलिए इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला एक नगरवधू के रुप में विख्यात हुई.
ये नारी की खूबसूरती की कहानी बड़ी अजीब है.
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