ENG | HINDI

अगर आपके सामने किसी को आता है हार्ट अटैक तो उठाइए ये कदम

हार्ट अटैक

आजकल लोगों में हार्ट अटैक की बीमारी आम हो गई है।

नौजवान हो या फिर बूढे़ हार्ट अटैक से कोई भी अछूता नहीं है। भारत में भी हाल के समय में हार्ट अटैक के काफी सारे मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों मिलावटी खाने को भी हार्ट अटैक के लिए काफी हद तक जिम्मेदार मानते हैं।

लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आता है तो आप किस तरह से उसकी जान बचा सकते हैं। किन उपायों से आप उसे काबू में कर सकते हैं। या फिर आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे मरीज को तुरंत आराम मिल जाए। आइए जानते हैं उन्हीं तरीकों के बारे में।

लंबी-लंबी सांसें लेने को कहें और ज्यादा भीड़ इकट्ठा ना होने दें: अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आता है तो आप उस मरीज को लंबी-लंभी सांसें लेने को कहें। इस दौरान आपोक इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि मरीज को घेरकर लोग खड़े ना हों। बल्कि लोगों को वहां से हटाएं ताकि मरीज को पूरी ऑक्सीजन मिल सके और उसका दम ना घुटे।

अटैक पड़ने पर मरीज को उल्टियां भी होतीं हैं और वो उल्टियां करता है। ऐसे में आप उसका मुंह एक तरफ करके उसे उल्टियां करने को कहें, ताकि उल्टी फेफड़ों में ना भरे और उसे कोई नुकसान ना हो।

पल्स रेट लगातार करें चेक: हार्ट अटैक आने पर आप मरीज की पल्स रेट लगातार चेक करते रहे। पल्स रेट चेक करने के लिए आपको उसकी गर्दन के साइड में हाथ रखना होगा। अगर पल्स रेट 60-70 से कम है तो आपको समझ लेना चाहिए कि मरीज की हालत ठीक नहीं है। पल्स रेट कम होने पर आप मरीज को इस तरह लिटाएं कि इका सर नीचे और पैर थोड़ी ऊपर रहें। इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की तरफ हो जाएगी और ब्लड प्रेशर फिर से नॉर्मल हो जाएगा। ध्यान रहे कि आप इस दौरान मरीज को कुछ खिलाएं-पिलाएं ना क्योंकि इससे उसकी हालत और खराब हो सकती है।

एस्प्रिन या फिर डिस्प्रिन खिलाएं: हार्ट अटैक आने पर मरीज को तुरंत एस्प्रिन या फिर डिस्प्रिन खिलाएं। ये दोनों ही ब्लड क्लॉट रोकतीं हैं और इससे मरीज की हालत में सुधार आता है। हालांकि कई मामलों में ये भी देखा गया है कि इन दवाओं से मरीज की हालत कभी-कभी बिगड़ भी जाती है और इसलिए ये दवाई खिलाने से पहले आप डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर मरीज इन दवाओं को पचा नहीं पाता।

आजकल भागदौड़ का जमाना है और हर किसी में आगे निकलने की होड़ मची हुई है। लेकिन इस होड़ में वो अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाता। हैरानी तो इस बात की है कि आजकल छोटे बच्चों को भी हार्ट अटैक आने लगे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक के लिए बाजारू और मिलावटें चीजें काफी हद तक जिम्मेदार हैं। हमें अपना ब्लड प्रेशर भी ठीक रखना चाहिए और सुबह व्यायाम करना चाहिए। अगर हम रोज कसरत और व्यायाम करते हैं तो हम बीमारियों से दूर और उनसे लड़ सकते हैं।

तो अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आए तो आप घबराएं नहीं और हमारे बताए उपायों पर अमल करें, हमें पूरी उम्मीद है कि इससे मरीज को राहत जरूर मिलेगी।