अंतरिक्ष यात्रा – जब भी आप आसमान की तरफ देखते हैं तो आपको भी टिमटिमाते हुए सितारे और चमकता चांद तो नजर आता ही होगा।
ये आसमान इतना विशाल है कि इसका कोई अंत नहीं है और प्रकृति के इस अनंत विस्तार को ‘अंतरिक्ष‘ का नाम दिया गया है। अंतरिक्ष सभी के लिए एक रहस्यमय विषय बना हुआ है। जिसके बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है।आपके भी मन में अंतरिक्ष को लेकर कई सवाल आते होंगे। आज हम इस लेख के जरिए आपके सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
हम आपको अंतरिक्ष यात्रा के कुछ ऐसे रोचक व महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में आपने शायद ना तो कभी सुना होगा और ना ही पढ़ा होगा –
अंतरिक्ष यात्रा –
- अंतरिक्ष में जब भी वैज्ञानिक शोध के लिए जाते हैं तो वो वहां पर अंतरिक्ष स्टेशन में रुकते हैं और यही से अंतरिक्ष से जुड़े विषय पर शोध करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने में करीबन 150 बिलियन डॉलर का खर्चा आया था।
- इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का क्षेत्रफल एक फुटबॉल के मैदान से भी ज्यादा है।
- अंतरिक्ष में आप कभी भी रो नहीं सकते हैं, क्योकि वहां पर आपके आंसू गिरेंगे ही नहीं।
- अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल कम होने के कारण यदि कोई इंसान वहां पर अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी करता है तो उसकी हड्डी 2.25 इंच तक लम्बी ही जाती है।
- अंतरिक्ष में जाने के लिए वैज्ञानिकों को स्पेस सूट पहनना पड़ता है और इस एक स्पेस सूट को बनाने में करीब 12 मिलियन डाॅलर खर्च होते हैं।
- अंतिरक्ष में बहुत कम गुरुत्वाकर्षण बल होता है। इसलिए वहां सभी वैज्ञानिक स्पेस स्टेशन के अंदर हवा में तैरते ही रहते हैं।
- अंतरिक्ष में रहने वाले वैज्ञानिक हर रोज करीब 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं।
- धरती से तो आसमान नीले रंग का दिखाई देता है लेकिन यदि स्पेस स्टेशन से आसमान को देखा जाए तो वो काले रंग का दिखाई देता है।
- अंतरिक्ष में यदि आप अपने सामने खड़े किसी इंसान को कुछ भी कहेंगे तो उसे सुनाई नहीं देगा क्योकि वहां पर बोलने-सुनने का कोई माध्यम नहीं है और इसलिए अंतरिक्ष में अलग तरह के उपकरणों की मदद से बातचीत की जाती है।
- चूंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल कम होता है तो ऐसे में अगर वैज्ञानिक वहां सोते हैं, तो वो हवा में ही तैरते रहते है। इसलिए स्पेस सेंटर में एक स्लीपिंग बैग मौजूद होता है जिसके अंदर घुसकर वैज्ञानिकों को सोना पड़ता है।
- अंतरिक्ष में पानी मिलना तो नामुमकिन है और ऐसे में वैज्ञानिक जो मूत्र करते हैं उसी को एक ट्रीटमेंट की मदद से साफ किया जाता है और फिर उसी पानी को वैज्ञानिक पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
- अंतरिक्ष में हमेशा ही अजीब तरह की बदबू आती रहती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये बदबू वेल्डिंग के दौरान निकलने वाले धुंए की बदबू जैसी होती है।
- खास बात तो ये है कि यदि आपने गलती से भी अंतरिक्ष में मेटल से बनी दो चीज़ो को आपस में जोड़ दिया तो वो दोनों ही चीजे हमेशा के लिए जुड़ जाएंगी।
कैसे लगे आपको अंतरिक्ष यात्रा से जुड़े ये तथ्य? यदि मजा आया हो तो अन्य लोगों का ज्ञान भी बढ़ाइएगा।