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दीजिये राय – क्या अजान से आपकी भी नींद में पड़ जाता है खलल ?

अजान से नींद में खलल

अजान से नींद में खलल – मशहूर सिंगर सोनू निगम ने ब्यान दिया है कि सुबह होने वाली अजान से उनकी नींद में खलल पड़ जाता है.

इसका सीधा सा अर्थ है कि मुस्लिम समाज की सुबह होने वाली अजान के कारण लोगों को परेशानी तो होती है किन्तु कोई कुछ बोलता नहीं हैं.

भारत में सभी को बोलने की आजादी है.

साथ ही साथ सभी को अपने धर्म का आदर करने और पूजा विधिका भी पालन करने की आजादी है.

किसी को भी इस देश में किसी भी धर्म का अनादर करने की आजादी नहीं है. आज जब सोनू निगम ने इस मुद्दे को उठाया है तो आज बहस का सवाल यह नहीं होना चाहिए किअजान से सभी को परेशानी है. बल्कि सवाल यह है कि पूजापाठ करते समय शौर करने का कौनसे धर्म में लिखा हुआ है.

अजान से नींद में खलल

सोनू निगम ने सोमवार को जिस तरह के ट्विट किये हैं उनमें साफ़ लिखा है कि सुबह होने वाली अजान से नींद में खलल पड़ता है  – अजान से उनकी नींद खराब हो जाती है.

लेकिन वहीँ दूसरी तरफ इन्होनें यह भी बोला है कि हिन्दू, सिख या मुस्लिम, किसी भी धर्म में इस तरह की बात नहीं लिखी है कि आप अपनी इबादत से किसी और को परेशान करेंइन्होनें लिखा कि “मोहम्मद ने जब इस्लाम बनाया, तब उनके पास इलेक्ट्रिसिटी नहीं थी. फिर इतना शोर शराबा क्यों?” साथ ही साथ सोनू निगम ने अगले ट्वीट में लिखा, मैं किसीभी मंदिर या गुरुद्वारे से इलेक्ट्रिसिटी के जरिए लोगों को जगाने में यकीन नहीं रखता.”

अब इस पुरे मुद्दे पर सोनू निगम को घेरा जा रहा है.

अजान से नींद में खलल – यह ट्वीट एक खास धर्म के खिलाफ बताये जा रहे हैं जबकि सच यह है कि सोनू निगम ने सभी धर्मों से यह अनुरोध किया हैकि बेवजह का शौर किसी को नहीं करना चाहिए. किसी भी धर्म में नहीं लिखा है कि आप शौर करें और आपको ईश्वर, अल्लाह मिल जायेगा. सभी जगह यही व्याप्त है कि आप इसतरह से ईश्वर की इबादत करें कि किसी को खबर भी ना चले.

कोर्ट के आदेश की होती है अवेहलना

असल में देश के सर्वोच्च कोर्ट भी यह आदेश दे चुका है कि किसी भी धार्मिक स्थान पर लाउड स्पीकर के प्रयोग ना हों. इस बात का ध्यान रखा जाए कि  बेवजह से ध्वनी प्रदुषणना किया जाये. आप पूजा करते हैं तो इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करें.

अब जब सोनू निगम ने इस मुद्दे को उठा ही दिया है तो इसके ऊपर अच्छीखासी बहस शुरू हो जानी चाहिए कि क्या इस तरह से किसी भी धर्म का पूजा के नाम पर शौर करना सहीहै. आपको यदि लगता है कि पूजा के समय लाउड स्पीकर का प्रयोग सही है तो जरुर बतायें कि आखिर किस आधार पर यह सही बोला जा सकता है. और यदि आपका जवाब नहीं मेंहैं तो आप इसके ऊपर भी तर्क जरुर दें.

आज हमारे समाज को यह सोचना होगा कि धर्म जब नहीं बोलता है कि आप चिल्ला-चिल्लाकर पूजा करें तो आज हम सभी चाहे वह किसी भी धर्म के हैं, वह बेवजह पूजा के नामपर हल्ला क्यों कर रहे हैं.

क्या  आपको अजान से नींद में खलल पड़ता है ? हमें बताइए….