दोस्तों यह मामला स्कर्ट और टॉप तक ही सीमित रहे तो अच्छा है वरना पता नहीं हमारे देश का क्या होगा!
वैसे लड़कों के मज़े हो जाएँगे और हमारी संस्कृति की दुहाई देने वाले धर्म-गुरुओं के पसीने छूट जाएँगे! और लड़कियाँ? अजी उन्हें फ़र्क ही कहाँ पड़ रहा है? पहले पता तो चले उन्हें कि हो क्या रहा है फिर समझेंगी बात की गहराई को!
चलिए ज़रा साफ़-साफ़ बात करें|
आजकल जहाँ देखिये लड़कियों को, बस एक दूसरे से होड़ लगाए बैठी हैं| एक ने मेकअप का सामान लिया तो उसकी सहेली उस से भी महँगा वाला मेकअप का सामान ले आएगी! एक ने पार्टी में नीले रंग की घुटनों तक पहुँचने वाली स्कर्ट पहनी, तो दूसरी लाल रंग की उस से भी छोटी स्कर्ट पहन डालेगी! एक के पास 50 जोड़ी जूते हैं तो दूसरी के पास कम से कम 51 तो होने ही चाहिएँ!
मतलब कि एक रेस लगा रखी है दिखावेबाज़ी की जिसे जीतना जीवन-मरण से भी ज़्यादा ज़रूरी है!
इस समस्या के पीछे जो बहुत ही ज़रूरी कारण है वो है सोशल मीडिया!
जी हाँ, बहुत ही आसान है ना अपने घर में बैठ के अपनी तस्वीरों को अपलोड कर देना और देख लेना कि बाकी की दुनिया क्या कर रही है! बस, फिर हो जाइए शुरू धड़ाधड़ मुक़ाबला करना! किसने किस रेस्टोरेंट में खाना खाया, फिर कौन से क्लब में पार्टी की और आजकल कौन से बॉयफ्रेंड के साथ घूमा जा रहा है, इस बात की पूरी खबरें रहती हैं आजकल की लड़कियों को! मगर ज़रा थोड़ा पोक कीजिये, पूछिए कि आजकल पढ़ाई का क्या हाल है? वो जो सपने कभी देखे थे, वो पूरे होने की कगार पर पहुँचे या किसी ब्रैंडेड हैंडबैग के नीचे मुँह छुपाये सो रहे हैं? अपने बल पर ज़िन्दगी जीने की जो इच्छाशक्ति थी, वो अब भी है या छोटी स्कर्ट के साथ वो भी हवा में गायब हो गयी?
देखिये यह बिलकुल सच है कि हर काम की एक उम्र होती है और अगर लड़कियाँ जवानी में यह मज़ा मस्ती नहीं करेंगी तो फिर कब करेंगी?
हक़ है भाई उनका और जायज़ भी है!
लेकिन यही जवानी वो उम्र भी है जहाँ वो अपने जीवन को संजो सकती हैं, एक सही दिशा में ले जा सकती हैं!
एक बार करियर बन गया, सही राह पकड़ ली फिर कर लो जितनी मर्ज़ी मस्ती-मज़ा करना है! फिर स्कर्ट की लम्बाई ही क्यों, छुट्टियों की जगह भी माप लेना, कितनी गाड़ियाँ हैं उनकी तुलना भी कर लेना! और भी जो-जो जीवन में हासिल करोगी, सब में मुक़ाबला कर लेना! ऐसे मुक़ाबलों का मज़ा ही कुछ और होता है जो एक दूसरे को ज़िन्दगी में कुछ हासिल करने के लिए प्रेरणा दें, जो खुद को भी बताएँ कि जीवन में कितने आगे आ गए हैं और कितने आगे जाना है!
तो कर लो जी भर के मस्ती, देख लो क्या कर रही हैं सहेलियाँ, पर साथ में एक नज़र अपने सपनों पर भी रखो और उन्हें पूरा करने के लिए भी उतनी ही मेहनत डालो जितनी सोशल मीडिया पर दुनिया को जलाने के लिए डालती हो!