एक बार आप अपना मोबइल और ईमेल जरूर देख लीजिए.
कहीं उसमें ऐसा कोई संदेश तो नहीं आया जिसकी अनदेखी आप को बाद में किसी मुसीबत में डाल दे.
क्योंकि नोटबंदी के बाद राशि जमा करने वालों को आयकर विभाग ने एसएमएस और ईमेल भेजा है. इन सवालों का जवाब नहीं देने वाले को विभाग असांविधिक पत्र जारी कर सकता है.
इसलिए एक बार आप अपना मोबाइल और मेल जरूर देख लें. कहीं आपका नाम भी 18 लाख लोगों की सूची में तो नहीं हैं. आपको बता दें कि बैंक खातों में करीब 4.5 लाख करोड़ से अधिक पैसा ऐसा जमा हुआ है जिसको लेकर आयकर विभाग को संदेह है.
यही नहीं विभाग ने खातों में दो लाख रूपए जमा करने वाले लोगों के खातों की पड़ताल भी शुरू कर दी है. आयकर विभाग के वृहद डाटा विश्लेषण के अनुसार, नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि में एक करोड़ बैंक खातों में दो लाख रुपये से अधिक की जमा राशि को मिलाकर कुल 10 लाख करोड़ रुपये जमा कराए गए.
इनमें से पांच लाख रुपये से ज्यादा राशि जमा करने वाले करीब 18 लाख से अधिक जमा कर्ताओं की पड़ताल की जा रही है. ये जमा राशि प्रथम दृष्टया संदिग्ध नजर आती है.
विभाग ने संबंधित खाताधारकों से एसएमएस और ईमेल के जरिये 15 फरवरी तक इसके स्रोत की जानकारी मांगी थी. विभाग का कहना है कि अब तक सात लाख से अधिक लोगों ने इस तरह की जमाओं के बारे में जवाब दिया है. इसमें से 99 प्रतिशत से अधिक ने स्वीकार किया कि उनके द्वारा दिए गए आंकड़े सही हैं.
अधिकारी के अनुसार, इन 18 लाख लोगों में से पांच लाख ने ई-फाइलिंग पोर्टल में पंजीकरण नहीं कराया है. इनके बारे में फील्ड अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है.
साथ ही जवाब नहीं भेजने वालों के बारे में भी बताया गया और ऐसे लोगों को पत्र जारी करने को कहा गया है. इसलिए एक बार अपने मोबाइल और ईमेल जरूर देख लें कहीं आयकर विभाग की ओर आपको कोई संदेश आया हो और आपने उसको इग्नोर कर दिया हो.
इसलिए बेहतर यही है कि उसका जो भी जवाब आपको देना है उसे देकर आने वाली किसी बड़ी परेशानी से खुद को कानूनी पेंचिदगियों में पड़ने से बचा लें.