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अब पैसे देकर आप खरीद सकते हैं अपने लिए गहरी नींद !

आजकल की लाइफ इतनी थकाऊ हो गई है कि हर किसी को बस चैन की नींद की तलाश रहती है।

पूरा दिन ढेर सारा काम करने के बाद चैनकी नींद लेने का मज़ा ही कुछ और होता है। कड़ी मेहनत के बाद बिस्‍तर पर लेटते ही नींद आपको अपनी आगोश में ले लेती है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके लिए चैन की नींद पाना एक सपने जैसा होता है।

बड़े और मेट्रो शहरों में काम के दबाव और तनाव की वजह से शहरी लोग स्‍लीप डिस्‍ऑर्डर और इससे होने वाली गंभीर बीमारियों से परेशान हैं।

चैन की नींद न आने का ये आलम है कि लोग अब पैसे देकर इसे खरीदने लगे हैं।

जी हां, ये बात बिलकुल सच है।

दरअसल लोगों को चैन की नींद देने के लिए मॉडर्न स्‍लीपिंग लैब तैयार की गई हैं। इन लैब्‍स में एक्‍सपर्ट्स और डॉक्‍टर्स पेशेंट के नींद न आने के कारणों के बारे में पता कर उनके उपायों के बारे में बताते हैं। यहां पर डॉक्‍टर्स जीवनशैली में बदलाव कर चैन की नींद पाने के लिए कुछ सुझाव देते हैं।

स्‍लीप स्‍टडी के अंतर्गत उन लोगों की जीवनशैली पर अध्‍ययन किया जाता है जिन्‍हें आसानी से नींद नहीं आ पाती है या जिन्‍हें आ भी जाती है तो उनकी नींद बीच में ही टूट जाती है। स्‍लीपिंग लैब में स्‍लीपिंग एक्‍सपर्ट्स और न्‍यूरोलॉजिस्‍ट स्‍लीप स्‍टडी करते हैं।

कितना है खर्चा

आपको नींद क्‍यों नहीं आ पा रही है, इस बात का कारण पता लगाकर उसका निदान किया जाता है। स्‍लीपिंग लैब में आने वाले लोगों से उनकी दिनचर्या और खानपान के बारे में जानकारी ली जाती है। इसके बाद उस व्‍यक्‍ति का स्‍लीपिंग टेस्‍ट किया जाता है। इस पूरे ट्रीटमेंट में लगभग 15 से 25 हज़ार का खर्चा आता है।

क्‍या है प्रक्रिया

स्‍लीपिंग ट्रीटमेंट के तहत व्‍यक्‍ति को रात के 9 बजे के बाद लैब में बुलाया जाता है। लैब में आने के बाद उसे स्‍टैंडर्ड बैड पर लिटाया जाता है। जब उस व्‍यक्‍ति को नींद आ जाती है तो उसका स्‍लीपिंग टेस्‍ट किया जाता है। इस टेस्‍ट में दिमाग, सांस लेने में दिक्‍कत या अन्‍य किसी कारण की जांच की जाती है। टेस्‍ट के दौरान एक्‍स्‍पर्ट्स व्‍यक्‍ति को ऑब्‍ज़र्व करते हैं और इसके बाद चैन की नींद पाने के लिए उसे बैड, तकिए और एनवायरमेंट के बारे में सुझाव देते हैं।

सक्‍सेसफुल है रिजल्‍ट

स्‍लीप स्‍टडी से अब तक 90 फीसदी लोगों को फायदा हुआ है। यहां आने वाले लोगों में 90 फीसदी लोग पहले टेस्‍ट के बाद ही बेहतर बदलाव महसूस करते हैं। केवल 10 फीसदी लोग ही दोबारा टेस्‍ट के लिए आते हैं।

तो अगर आप भी किसी कारणवश चैन की नींद नहीं ले पा रहें हैं तो तैयार हो जाइए इस स्‍लीप टेस्‍ट के लिए। अनिद्रा जैसी समस्‍या को हल्‍के में न लें क्‍योंकि ये रोग आपको और भी कई तरह की अन्‍य बीमारियां दे सकता है।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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