ऑफिस में नींद आये – अक्सर नींद पूरी न होने या थकान के कारण भी नींद आने लगती है।
पर हर समय जम्हाई लेना भी अच्छी बात नहीं। इससे न सिर्फ दूसरे आपको देकर खुद भी इससे प्रभावित होंगे बल्कि उन पर आपके लिए गलत प्रभाव भी पड़ेगा। बॉस की नजर में भी आप एक अच्छे कर्मचारी के बजाए आलसी और सुस्त कर्मचारी बन जाएंगे।
हम बताते हैं अगर ऑफिस में नींद आये तो क्या करें।
1 – खुद बनाकर लाएं अपनी कॉफी या चाय
जब भी लगे कि ऑफिस में भी नींद का झोंका आपको परेशान कर रहा है। फौरन अपनी सीट से उठें और प्यून से चाय या कॉफी की डिमांड करने के बजाए खुद ही उसे बनाएं या मशीन से लेकर आएं। ऐसा करने से आपको अपनी जगह से उठना पड़ेगा और आपका ध्यान नींद की तरफ से हटेगा। कॉफी पीने से थोड़ी चैतन्यता आएगी और दोबारा रिचार्ज होकर काम पर फोकस कर पाएंगे।
2 – तुरंत किसी दोस्त को फोन मिलाएं
नींद की खुमारी का अहसास होने लगे तो सबसे पहले अपने किसी ऐसे दोस्त को फोन मिलाएं जिससे काफी समय से आपकी बात नहीं हुई है। लेकिन ध्यान रहे सामने वाले को इस बात का अहसास न हो कि अपनी नींद भगाने के लिए आपने उसे परेशान किया। दोस्त से बात करने से दो फायदें होंगे। पहला उससे अच्छा लगेगा कि काफी समय बाद आप लोगों ने एक दूसरे का हाल-चाल लेने के लिए फोन किया दूसरा बात करते समय थोड़ी देर के लिए अपनी सीट से हट कर कहीं बाहर निकल जाएं। इससे आपकी नींद फौरन भाग जाएगी।
3 – लाउड साउंड गाना दूर करेगा सुस्ती
आलस लगे तो इयरफोन लगाकर आप कोई डांस नंबर सॉंग भी सुन सकते हैं। हार्ड म्यूजिक और थोड़ा लाउड साउंड न सिर्फ आपकी सुस्ती को कुछ ही देर में दूर करेगा बल्कि आपको मूड भी ठीक करेगा। ऐसा करने से आप दोगुने उत्साह के साथ दोबारा ऑफिस के काम करने में मन लगा पाएंगे।
4 – सह कर्मचारी से गपशप
ऑफिस में एक ही जगह-जगह बैठे-बैठे इंसान न सिर्फ बारियत महसूस करने लगता है बल्कि उसे आलस के कारण भी नींद का अनुभव होने लगता है। इसका मतलब ये नहीं कि आप हमेशा अपनी सीट छोड़ दूसरे की सीट पर दिखाई दें इसका मतलब ये है कि अगर ऐसा हो तो अपनी सीट से उठकर कलीग के पास जाकर उससे कुछ देर इधर-उधर की बातें करें। साथियों के साथ हंसी मजाक करने से न सिर्फ आपकी सुस्ती दूर होगी बल्कि हल्के मूड में आने के बाद आपके काम करने की क्षमता और बढ़ जाएगी।
हमें आशा है कि अगर आपको ऑफिस में नींद आये तो इन टिप्स को आप जरूर आजमाएंगे। ऑफिस में नींद का झौंका आना बड़ी ही मामूली सी बात है बस ये हम पर निर्भर करता है कि इस परिस्थति में आने के बाद हम खुद को नीदं के चंगुल से कैसे बचाएं।