क्या बाइबिल की कहानी और मनु की कहानी एक ही है ?
कहीं ऐसा तो नहीं किरदार एक ही था दोनों ही कहानियों में और देश और संस्कृति के अनुसार उसके नाम बदल दिए गए.
या फिर ये तो नहीं हमारे प्राचीन इतिहास को ही ईसाई धर्म ने अपना लिया और कहानी लिख दी.
आपको लग रहा होगा की ये कैसी पहेलियाँ बुझाई जा रही है. ये पहेली नहीं यहाँ बात हो रही है सदियों पहले आई प्रलय और उस प्रलय के बाद धरती पर जीवन की शुरुआत की.
ये दोनों कहानी पढ़कर आपको भी लगेगा कि कहीं ना कहीं ये दोनों कहानिया एक दुसरे से जुड़ी है.
हिन्दू मान्यता के अनुसार राजा मनु को प्रथम मनुष्य कहा गया है.
मनु का वर्णन पुराणों और महाभारत में भी मिलता है.
कहा जाता है जब पृथ्वी पर महाप्रलय की शुरुआत हुई तब भगवन ने मनु को पृथ्वी पर फिर से जीवन की शुरुआत करने की जिम्मेदारी दी.
इसके लिए मनु ने एक नौका का निर्माण किया और उस नौका में सभी जीव जंतु ,पशु पक्षियों के जोड़ों को रखा साथ ही साथ हर तरह के पेड़ पौधे, फसलों के बीज भी रखे.
जब प्रलय की शुरुआत हुई और प्रचंड बाढ़ से सार धरती जलमग्न हो गयी तो मनु ने सबको उस नौका के द्वारा बचाया.
जब बाढ़ के वेग से उनकी नौका डोलने लगी तो भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर नौका की रक्षा की.
कालांतर में प्रलय की समाप्ति के बाद मनु ने पृथ्वी पर पुन: जीवन की स्थापना की.
इसलिए मनु को प्रथम मानव कहा जाता है.
इसी तरह ईसाई धर्म की पुस्तकों में नोहा का वर्णन मिलता है. उस कथा के अनुसार जब धरती पर पाप की मात्र बढ़ गयी और मनुष्यता त्राहि त्राहि कर उठी तो ईश्वर ने धरती को नष्ट कर एक बार फिर जीवन की स्थापना की.
इसके लिए इश्वर ने नोहा को चुना और नोहा ने एक विशालकाय नाव बनाई. उस नाव में सभी जीव जंतुओं के जोड़े और वनस्पति फसल फल फूल के बीज संचित किये गए.
प्रलय बाढ़ के रूप में आई और पूरी धरती जलमग्न हो गयी. ऐसे में तेज़ जलधारा में कुछ बचा तो वो थी नोहा की नाव. इस तरह नोहा ने धरती पर फिर से जीवन की शुरुआत की.
देखा आपने दोनों कहानियों में कितनी समानताये है. इतनी ज्यादा समानताएं दो अलग अलग धर्मों की कहानियों में और वो भी ऐसे धर्म जो दुनिया के दो अलग अलग हिस्सों में फले फुले आश्चर्य की ही बात है.
लेकिन रुकिए समानताये यहीं खत्म नहीं होती.
मनु और नोहा में और भी कई बातें है जो मिलती है. जैसे मनु और नोहा दोनों के ही तीन संतानें थी. दोनों को ही धार्मिक ग्रंथों में तपस्वी और तेज़ वाले पुरुष बताया गया है.
इसके अलावा अगर प्राचीन भाषा की बात करे तो भी दोनों के एक ही होने के बहुत से साक्ष्य है.
जल के लिए प्राचीन शब्द ‘मा ‘ है इसका मतलब मनु का मतलब जल का नोहा. भारतीय ग्रंथों में प्रथम पुरुष को मनु कहा गया है विश्व की अलग अलग सभ्यताओं में भी प्रथम पुरुष को इसी प्रकार के नामों से जाना जाता है. जैसे Germaniac में MANUS शब्द है वहीँ Swedish में Manishka है.
ये दोनों ही शब्द मानव और मनुष्य से मिलते जुलते है.
इसी प्रकार प्राचीन मिस्र के राजा का नाम भी मनु से ही मिलता है और अंग्रेजी में MAN शब्द की उत्पत्ति भी संस्कृत के शब्द Manu से ही हुई है.
ये सब प्रमाण सोचने पर मजबूर करते है कि क्या सही में धरती पर जीवन की पुन: स्थापना मनु ने ही की थी और मनु की कहानी का अलग अलग धर्मों और सभ्यताओं में लगभग एक जैसे नाम और एक जैसे वर्णन से तो यही प्रतीत होता है कि दुनिया की सभी सभ्यताओं की उत्पत्ति मनु से हुई है और पूरी दुनिया ही मनु की वंशज है.
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