अब आप पंचांग तो देखते होंगे नहीं और ना ही आप पंडित जी से महीने के शुभ महूर्त के बारें में पूछते होंगे.
आपको तो बस हर दिन मस्ती और वीक ऑफ पर क्लब पार्टी ही नजर आती होंगी. एक यही कारण है कि आज अधिकतर लोग अपने कर्मों के कारण दुखी हैं.
दिन और वार के साथ-साथ जो व्यक्ति मुहूर्त का ध्यान रखता है, वह लाखों-करोड़ो में खेल सकता है.
आपको पता होना चाहिए कि देश के 98 प्रतिशत लखपति और करोड़पति लोग, एक खास पंडित 24 घंटे अपने पास रखते हैं. ताकि ब्राह्मण दिन और समय के अनुसार कार्य करता रहे.
तो इसी क्रम में आज हम आपको जुलाई महीने के शुभ मुहूर्त के बारें में बताने वाले हैं जो आपके घर लक्ष्मी और सरस्वती दोनों का आगमन करवा सकते हैं-
चलिए देखते है जुलाई महीने के शुभ मुहूर्त –
1. 6 जुलाई को बदल जायेंगे भाग्य
पुष्य नक्षत्रयुता द्वितीया में रथयात्रा. जगन्नाथपुरी यात्रा दर्शन प्रदक्षिणा. श्री बलराम जगदीश स्थोत्सव. मनोरथ द्वितीया (बंगाल). चन्द्र दर्शन मु. 15 महर्घ. बुध पुनर्वसु नक्षत्र में घं. 17:51 पर.
हर साल भगवान जगन्नाथ के मंदिर में जून-जुलाई के महीने में विशाल रथयात्रा का आयोजन किया जाता है. इस साल 6 जुलाई को काफी शुभ दिन है. इस दिन आप भगवान विष्णु और कृष्ण को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान मांग सकते हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पुरी से शुरू होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा केवल दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि पूरे देशभर के महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है.
2. 15 जुलाई का एक पवित्र व्रत
15 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है. इसीलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं. देवशयनी एकादशी के चार माह के बाद भगवान् विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागतें हैं. इस दिन व्रत करने और भगवान के सोने से पहले कुछ माँगा जाये तो व्यक्ति को मिल जाता है.
3. 19 जुलाई इस माह का सबसे महत्वपूर्ण दिन
गुरु से जो माँगा जाए, वह जरूर देते हैं. लेकिन यदि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का ध्यान और पूजा करके कुछ माँगा जाये तो वह निश्चित रूप से व्यक्ति को मिल जाता है. तो जुलाई माह के 19 तारीख को पूर्णिमा भी है और गुरू पूर्णिमा भी है. इस दिन आप गंगा स्नान कर सकते हैं और साथ ही साथ अपने प्रिय भगवान को गुरु रूप में प्रसन्न कर सकते हैं. और यदि काफी समय से घर में कोई समस्या है, तो आप 19 जुलाई को हनुमान यज्ञ घर में जरूर करा लें.
4. 25 जुलाई को शिव का दिन
सावन का सोमवार जब शुरू होता है तो अगर इस दिन कोई व्यक्ति व्रत रखता है, तब यह काफी शुभ बताया गया है. सावन शिव का महीना होता है और सावन के पहले दिन शिव का व्रत रखने से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं. 20 जुलाई को सावन शुरू हो रहे हैं और 25 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. इस दिन जातक को शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए. वैसे देश में दो पंचांग है और उत्तर भारत का सावन जुलाई से अगस्त में है और दक्षिण भारत का सावन अगस्त से सितम्बर में है. लेकिन अधिकतर लोग जुलाई माह में ही सावन को पवित्र मानते हैं.
5. 30 जुलाई को है कामदा एकादशी
कामदा एकदशी को कामिका एकादशी भी बोलते हैं. सावन महीने में जो एकादशी है उसे कामिका एकादशी कहते हैं. इस दिन पूजा और व्रत करने वाले को वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है. यदि आपके मृत पूर्वज आपसे प्रसन्न नहीं हैं तो आप इस दिन रात को मंदिर में घी का दिया जलायें, आपके पूर्वज प्रसन्न होंगे और आपको मनचाहा वरदान देंगे.
तो ये थे जुलाई महीने के शुभ मुहूर्त – इस तरह से जुलाई का महीना अति शुभ महीना है. इस माह सावन भी है और गुरुपूर्णिमा भी है. आप जुलाई महीने के शुभ मुहूर्त पर ध्यान और पूजा जरूर करें.
साथ ही आपको माता-पिता की सेवा करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होगा.
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