श्री श्री रविशंकर – भारत पर धर्म और आस्था के नाम पर राजनीति आम हो गई है।
जब भी कोई चुनाव नजदीक आता है राजनीतिक पार्टियाँ जाति , धर्म आस्था से जुङा कोई न कोई मुद्दा उठाकर वीटर्स को अपनी तरफ करने की कोशिश करते हैं। उन्ही मुद्दों में से एक है अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा । जो यूपी में चुनाव आते ही सुर्खियों में आ जाता है। लेकिन राम मंदिर का मुद्दा आजकल भी काफी सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन आजकल न यूपी में चुना होने वाले हैं। न कोई खास दिन करीब है फिर ये मुद्दा इतना क्यों उठ रहा है। तो जवाब श्री श्री रविशंकर ।
जो आजकल राम मंदिर को लेकर दोनो पक्षों के बीच सुलह कराने पर पूरा जोर लगा रहे हैं।
श्री रविशंकर ने हाल ही में राम मंदिर को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। साथ ही दोनो पक्षों के लोगों से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो श्री श्री रविशंकर दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का काम कर रहे हैं। हालांकि श्री श्री रविशंकर कोई सीरियसली नही ले रहा । कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर ने तो श्री श्री रविशंकर का इस मुद्दे को लेकर मजाक तक बना दिया ।
हालांकि यहां ये सवाल जरुर उठता है कि श्री श्री रविशंकर आखिर ऐसा कर क्यों रहे । श्री रविशंकर ‘आर्ट ऑफ लिविंग ‘ के संस्थापक हैं । जो अचानक राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के बरसों पुराने मसले को सुलझाने आ गए । ज्यादातर लोगों को लग रहा होगा कि श्री श्री रविशंकर भी राजनीति में उतरने की तैयारी तो नही कर रहे। या फिर हो सकता है कि वो सच में इस मसले को सुलझाना चाहते हो। लेकिन आपको बता दें कि रविशंकर किसी भी राजनीतिक पार्टी से वैसे तो संबंध नही रखते ।
लेकिन अंदरूनी तौर पर किसी सपोर्ट करते हैं ये कहना मुश्किल है जिस वजह से कई लोगों का मानना है कि श्री रविशंकर को बिना मलतब में मसले सुलाझाने की आदत है इसे पहले भी वो कई मुद्दों पर मधस्थता करने की कोशिश कर चुके हैं जहां उनकी कोई मौजूदगी मायने भी नही रखती। खैर राम मंदिर से श्री श्री रविशंकर सुर्खियां काफी बटोर रहे हैं जिस वजह से आजकल मीडिया में सिर्फ श्री श्री रविशंकर ही छाए हुए हैं
लेकिन सवाल अब ये भी है कि जिस मुद्दे के इतने वक्त से कोर्ट तक सुलझा नही पाई । क्या श्री श्री रविशंकर उस मसले को हल कर पाएंगे। वैसे आपको बता दें भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि अगर कोर्ट कोई फैसला नही करती है और मसले का कोई हल नही निकलता । तो भी अगले साल मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा । अब देखना यह है श्री श्री रविशंकर और भाजपा की ये कोशिशें राम मंदिर बनवाने में सफल हो पाती है या नहीं ।