गणेश ने ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के स्था पर अपने माता पिता का चक्कर लगा लिया. माता पिता में ही उन्हें सारी सृष्टि मिल गयी.
कार्तिकेय जब आये तो उन्होंने देखा गणेश ना सिर्फ पहले से वहां पहुँच चुके है अपितु उनका विवाह भी हो गया है.
ये जानकार कार्तिकेय बहुत क्रोधित हुए और कभी विवाह ना करने की प्रतिज्ञा की.
पुत्र के दुःख और प्रतिज्ञा को जानकार माता पार्वती ने दिया मंदिर को श्राप….