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जानें कॉलेज जाने पर क्‍यों नहीं बनाना चाहिए ब्‍वॉयफ्रेंड

कॉलेज में ब्‍वॉयफ्रेंड – कॉलेज को अकसर लोग मौज-मस्‍ती का अड्डा समझ लेते हैं। कई लोग कॉलेज बस दोस्‍तों से मिलने और फ्लर्टिंग करने ही जाते हैं और इसका असर उनकी पढ़ाई और मार्क्‍स पर पढ़ता है।

कॉलेज का समय बहुत कीमती होता है और ऐसे में अगर आप पढ़ाई की जगह आशिकी में लग जाएंगें तो आपका आगे का करियर शुरु होने से पहले ही खत्‍म हो जाएगा।

कई लड़कियों के लिए कॉलेज एक नई दुनिया सी होती है। अगर आप गर्ल्‍स स्‍कूल में पढ़ी हैं तो आपको को-एड कॉलेज में जाने में कुछ ज्‍यादा ही अलग सा महसूस होता है। हो सकता है कि कुछ लड़कियां कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही ब्‍वॉयफ्रेंड भी बना लें लेकिन ऐसा करना गलत है।

आज हम आपको बता रहे हैं कि लड़कियों को कॉलेज में ब्‍वॉयफ्रेंड क्‍यों नहीं बनाना चाहिए।

  • जब आप कॉलेज में नई होती हैं तो किसी को भी अच्‍छी तरह से नहीं जानती हैं और बिना जान-पहचान के किसी के प्‍यार में पड़ जाना बेवकूफी है। आप कॉलेज में पहले दोस्‍त ही बनाएं।
  • कॉलेज जाने पर लड़के एकसाथ कई लड़कियों पर ट्राई करते हैं और जो लड़कियां चालाक नहीं होती वो ऐसे लड़कों के जाल में फंस जाती हैं। किसी भी लड़के को हां करने से पहले जान लें कि वो और कितनी लड़कियों के पीछे है।
  • कॉलेज में हमारी उम्र बहुत कम होती है और रिलेशनशिप से शादी तक का फासला बहुत लंबा। इस फासले को पूरा करना कई लोगों के लिए नामुमकिन होता है। अगर आप कॉलेज में बने रिलेशनशिप को शादी तक पहुंचाने की सोच रहीं हैं तो आप गलत हैं। बहुत ही कम लोग इस रास्‍ते को पार कर पाते हैं।
  • कॉलेज में प्‍यार का असर सबसे ज्‍यादा पढ़ाई पर पड़ता है। ब्‍वॉयफ्रेंड से मिलने के चक्‍कर में लड़कियां क्‍लास बंक कर देती हैं या उनका भी प्रोजेक्‍ट करने लगती हैं। इस चक्‍कर में उनकी खुद की पढाई पर असर पड़ता है।

कॉलेज का प्‍यार होता है झूठा

कॉलेज लाइफ पढ़ाई के लिए कम और आशिकी के लिए ज्‍यादा जानी जाती है। कॉलेज में आने से पहले ही लोग प्‍लान बना लेते हैं कि उन्‍हें कैसी गर्लफ्रेंड या ब्‍वॉयफ्रेंड देखना है और चाहे कुछ भी हो जाए वो अब कॉलेज में तो सिंगल नहीं रहेंगें।

मैं अपने एक्‍सपीरियंस की बताऊं तो मेरे कॉलेज में भी पहले ही साल कई रिश्‍ते बने जो एक साल तो दूर की बात है महीनों तक भी नहीं चल पाए। वहीं जो रिलेशनशिप कॉलेज के 3 साल निकाल पाए वो कॉलेज खत्‍म होते ही फुस्‍स हो गए। आज उन कमिटेड कपल्‍स को किसी और के साथ शादी करते हुए देखती हूं तो लगता है कि कॉलेज टाइम पर एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले लोग आज किसी और के साथ जी रहे हैं।

अगर इन सब बातों पर गौर किया जाए तो एक बात साफ निकलकर सामने आती है और वो ये है कि कॉलेज में अपने रिलेशनशिप को लेकर लड़के-लड़कियां ज्‍यादा सीरियस नहीं होते हैं और इस लड़कपन की उम्र में वो कई बार गलत रिश्‍ते भी बना बैठते हैं तो बहुत जल्‍दी दम भी तोड़ देते हैं।

इसलिए लड़कियों को  कॉलेज में ब्‍वॉयफ्रेंड नहीं बनाने चाहिए – बेहतर होगा कि आप कॉलेज में प्‍यार कम और पढ़ाई पर ज्‍यादा ध्‍यान दें क्‍योंकि आगे आपके यही काम आने वाला है।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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