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क्या इन भगवानों पर मुकदमा चलाना चाहिए?

क्या भगवानों पर मुकदमा चलना चाहिए?

सवाल अजीब है! भगवान सर्वोपरी हैं, ये खूबसूरत सी दुनिया उन्ही की देन है और  इंसान उनकी सबसे खूबसूरत रचनाओं में से एक है.

कहते हैं इस संसार में उनकी मर्ज़ी के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता. इस दुनिया से धर्म और अन्याय को दूर करने के लिए कई बार भगवान को खुद किसी न किसी अवतार में धरती पर आना पड़ा है.

भगवान ही हैं जो इंसानों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. लेकिन सवाल उठता है कि क्या इंसानों की तरह देवी-देवताओं को भी इंसाफ के तराज़ू में तौलना चाहिए?

क्या उन्हे भी उनके कर्मों के मुताबिक फल मिलना चाहिए ?

अगर आपको फिल्म ‘ओ माई गॉड’ याद है तो उसमें आपने देखा होगा कि किस तरह से अभिनेता  परेश रावल ने भगवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर उन्हे कानूनी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया था.

अब हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी पौराणिक कथाएं जिन्हे जानने के बाद आप खुद फैसला कर सकते हैं कि क्या भगवानों पर मुकदमा चलना चाहिए.

चलिए देखते है कौन से भगवानों पर मुकदमा चलना चाहिए!

  • भगवान शिव ने काटा था अपने बेटे का सिर

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से भगवान गणेश  का निर्माण किया और उन्हे किसी को भी अंदर न आने का आदेश देकर, वे स्नान करने के लिए चली गई.

कुछ ही देर में वहां भगवान शिव पहुंचे और अंदर जाने की कोशिश करने लगे. लेकिन गणेश ने उन्हे अंदर जाने से रोक लिया. जिससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश का सिर ही धड़ से अलग कर दिया.

हालांकि बाद में भगवान शिव ने श्री गणेश के कटे हुए सिर की जगह हाथी का सिर लगा दिया.

क्या भगवान शिव का ये जुर्म सज़ा के काबिल है?

  • परशुराम पर चढ़ा था माता की हत्या का पाप

भगवान विष्णु के आवेशावतार परशुराम ने अपने पिता जमदग्नि की आज्ञा का पालन करते हुए अपनी ही मां रेणुका की हत्या कर दी थी.

दरअसल परशुराम की माता रेणुका हवन के लिए जल लाने के लिए गंगा तट पर गई थी लेकिन गन्धर्वराज चित्ररथ को अप्सराओं के साथ विहार करते देख, वो कुछ देर वहीं रुक गई. जिससे हवन काल खत्म हो गया.

इस बात से क्रोधित होकर जमदग्नि ने अपने बेटे परशुराम को अपनी ही माता की हत्या करने का आदेश दे दिया.

क्या माता की हत्या करने वाल पुत्र को माफ़ कर देना चाहिए ?

  • प्रेमिका राधा से कृष्ण ने नहीं किया विवाह

राधा भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका थी. इसका प्रमाण आज भी देखने को मिलता है. देशभर के मंदिरों में आज भी राधा-कृष्ण की एक साथ पूजा की जाती है.

कहा जाता है कि राधा-कृष्ण के प्रेम की शुरुआत बचपन में ही हो गई थी. लेकिन कृष्ण ने अपनी प्रेमिका राधा से शादी नहीं की. जबकि उन्होने अपने जीवनकाल में 8 स्त्रियों से शादी की थी. तो उन्हे राधा से शादी करने में आखिर क्या दिक्कत थी.

क्या अपनी प्रेमिका को छोड़ किसी दूसरी स्त्री से शादी किसी पाप से कम है ?

  • बुद्ध ने किया था परिवार का त्याग

शायद ही दुनिया में ऐसा कोई इंसान होगा,  जिसने गौतम का नाम न सुना हो.  ज्यादातर लोग उन्हें बुद्ध के नाम से जानते हैं. कहा जाता है कि गौतम बुद्ध अपनी पत्नी और छोटे से बच्चे को छोड़कर रात के अंधेरे में घर से निकल गए थे.

अपने परिवार और उनके दायित्व से दूर रहकर, करीब आठ साल बाद जब उन्हे ज्ञान प्राप्त हुआ तब वे बुद्ध कहलाए और ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी उन्हें अपने इस दायित्व की याद नहीं आई.

क्या पत्नी और छोटे से बच्चे की ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ना सही है ?

  • स्वर्ग और नर्क का खेल

हिंदू धर्म ग्रंथों में लिखी अनेक कथाओं में स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. पुराणों के अनुसार स्वर्ग वह स्थान होता है जहां देवता रहते हैं और अच्छे कर्म करने वाले इंसान की आत्मा को भी वहां स्थान मिलता है. इसके विपरीत बुरे काम करने वाले लोगों को नरक भेजा जाता है, जहां उन्हें सजा के तौर पर गर्म तेल में तला जाता है और अंगारों पर सुलाया जाता है.

क्या स्वर्ग और नर्क का खेल महज़ इंसानों के लिए है भगवान के लिए नहीं ?

बहरहाल, इन चंद पौराणिक कथाओं को हमने आपके सामने पेश करने की कोशिश की है. इन कथाओं को जानने के बाद आप खुद फैसला कीजिए कि क्या इंसानों की तरह ही भगवान पर भी उनके कर्मों के मुताबिक क्या इन भगवानों पर मुकदमा नहीं चलना चाहिए ?

क्या उन्हें भी सज़ा का विधान नहीं होना चाहिए?

क्या इन भगवानों पर मुकदमा चलाना चाहिए?

अगर आपके पास जवाब है तो हमें बताइए.

Disclaimer: –

इस लेख के ज़रिए हम किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते और न ही हमारा मकसद भगवान की किसी भी लीला पर उंगली उठाने का है. ये महज़ एक सवाल है और इसका जवाब शायद आपके पास हो सकता है.

Anita Ram

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Anita Ram

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