वीरेंदर सहवाग को भला कौन नहीं जानता है.
कभी अपने बल्ले से विस्फोटक बल्लेबाजी करने वाले सहवाग, इन दिनों कमेंट्री बॉक्स में खुलकर खेल रहे हैं. आप कभी पूरा दिन सहवाग को मैच वाले दिन सुनिए और आप निश्चित रूप से कोई न कोई बड़ा खुलासा जरुर सहवाग से सुन लेंगे.
ऐसा ही कुछ भारत-न्यूजीलैंड के बीच चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में हुआ था.
इस टेस्ट मैच का यह तीसरा दिन था और भारत जब न्यूजीलैंड को गेंदबाजी कर रह था तब 58 वे ओवर में सहवाग एक खुलासा करते हैं. सहवाग एक पाकिस्तानी तेज गेंदबाज के बारें में बताते हैं कि वह जब भारत को गेंदबाजी करता था तो अक्सर बल्लेबाजों को गालियाँ देता था. खासकर वह सहवाग को गन्दी-गन्दी गलियाँ देता था. तो अगर आपने सहवाग के मुंह से नहीं सुना है उस गेंदबाज का नाम तो हम बताते हैं कि सहवाग किस की बात कर रहे थे-
नहीं बनती है भारत-पाक के खिलाडियों में –
जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत-पाकिस्तान की तो कभी बनती ही नहीं है. पाकिस्तान हमेशा से कुछ ना कुछ ऐसा करता है कि भारत भड़क जाये और कुछ गलती कर दे. ऐसा ही कुछ तो बॉर्डर पर भी पाकिस्तान करता है और ऐसा ही कुछ पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी भी करते हैं. मैच की दूसरी पारी के 58 वे ओवर में वीरेंदर सहवाग बताते हैं कि पाक के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर अक्सर भारतीय बल्लेबाजों को ऐसी-ऐसी गालियां देते थे जो सहवाग कमेंट्री में बता नहीं सकते थे. सहवाग ने साफ़ बताया कि शोएब अख्तर खासकर सहवाग से गालियों में ही बात करते थे. तो इस तरह से साफ़ हो जाता है पाकिस्तान की जुबान साफ़ नहीं है.
ऐसा क्यों करते थे शोएब अख्तर –
सहवाग ने बताया कि शोएब अख्तर ऐसा इसलिए करते थे ताकि भारतीय खिलाड़ी खुद से बड़ी गलती कर दें और अपना विकेट गंवा दें.
वैसे ऐसा करना कोई नई बात नहीं है. पाकिस्तान के अधिकतर गेंदबाज भारत के खिलाफ ऐसा ही करते थे. किन्तु सवाल यह है कि क्या किसी खिलाड़ी को गन्दी गालियाँ ग्राउंड पर देना शोभा देता है?
इसका जवाब तो यही खिलाड़ी ही दे सकते हैं.
तो क्या शोएब अख्तर का अब विरोध नहीं होना चाहिए?
शोएब अख्तर अगर वाकई भारतीय खिलाड़ियों को खेलते वक़्त गन्दी गालियाँ देते थे और खासकर वह सहवाग-सचिन जैसे बल्लेबाज के साथ ऐसा करते थे तो आज अख्तर को इस काम के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए. आज शोएब अख्तर भारत में कमेंट्री कर पैसा कमा रहे हैं. तो उनको अपने इस निंदनीय काम की माफ़ी जरूर मांगनी चाहिए.
लेकिन हमारा अंतिम सवाल यही है कि क्या किसी भी खिलाड़ी को विरोधियों के साथ अश्लील भाषा का प्रयोग करना शोभा देता है?
वैसे गालियों का उपयोग वही खिलाड़ी करता है जिसके पास काबिलियत नहीं होती है.