केरली गांव में आज़ादी से पहले और आजादी के बाद तक जमींदार के.ए सिंह चौहान का एकक्षत्र राज हुआ करता था। उनकी जमींदारी कई गांवों तक थी। कहा जाता है कि उन्होंने अपने घर से कुछ ही दूरी पर एक शिव मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर में बने चबूतरे के चारों तरफ सोने चांदी से भरे घड़े गड़वाए थे और इसके बाद अनुष्ठान कर शिवलिंग की स्थापना की थी।
ग्रामीणों का कहना है कि बदलते ज़माने के साथ उनका परिवार शहरों में रहने चला गया था और मंदिर के इस चबूतरे पर अब तक कई लोगों की नज़र है। कहा जा रहा है कि मंदिर के चबूतरे के नीचे करोड़ों का सोना और खजाना दफन है। कुछ साल पहल चोर शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा तोड़कर ले गए थे और अब चोरों की नज़र मंदिर के चबूतरे पर है।
बताया जा रहा है कि चोरों ने चबूतरे की खुदाई तो की थी लेकिन उन्हें खजाना मिला या नहीं इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि, खुदाई किए गए गड्ढे में चीनी मिट्टी क एक घड़ा पड़ा हुआ मिला था।
लोगों की मानें तो इस खजाने से देश को आर्थिक रूप से बहुत फायदा मिल सकता है या फिर वो इस खजाने की राशि से गांव के लिए ही विकास कार्य कर सकते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी मंदिर में खजाना छिपे रहने की बात सामने आई है। इससे पहले भी देश के कई मंदिरों में छिपे खजाने की बात हो चुकी है। सबसे ज्यादा खजाना केरल के पद्माभास्वामी मंदिर में है। इस मंदिर के कई दरवाज़े खोले जा चुके हैं जहां से अकूट सोना और धन-संपत्ति मिली है।
अगर इस मंदिर के खजाने को देश हित में खर्च कर दिया जाए तो भारत भी अमेरिका और अन्य विकसित देशों की तरह अमीर बन सकता है।