जब भी बॉडी बिल्डिंग की बात होती हैं तो, अर्नाल्ड स्वाज़नेगर की 22 इंची बाहें और सिल्वेस्टर स्टोलन की चौड़ी छाती ही ज़ेहन में आती हैं.
बॉडी बिल्डिंग के इस खेल में हॉलीवुड के यह हीरो ही सबसे ज्यादा याद आते हैं. लेकिन वक़्त बदलने के साथ पुरुषों के अलावा महिलाएं भी इस खेल में अब अपना हाथ आज़माने लगी हैं.
प्रोफेशनल वुमंस बॉडीबिल्डिंग, भारत से बाहर के बहुत से देशों में कई दिन से होती आ रही हैं, पर इंडिया के पुरुषवादी कल्चर के बाद भी भारत के कोलकाता शहर की रहने वाली ‘शिबालिका सहा’ ऐसी पहली भारतीय महिला बॉडीबिल्डर बन गयी हैं, जिन्होंने वर्ल्ड वुमंस बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया हैं.
बॉडी बिल्डिंग का क्रेज़ जितना पुरुषों में हैं उतना ही महिलाओं में भी बढ़ने लगा हैं.
कई महिलाएं अपनी बॉडी बनाने के लिए पुरुषों की तरह ही कई घंटे जिम में एक्सरसाइज करते हुए बिताती हैं. इसी क्रेज़ के चलते कोलकाता की रहने वाली 35 साल की शिबालिका सहा ने हॉलीवुड के सुपरस्टार अर्नाल्ड स्वाज़नेगर को फिल्मो में देख कर बॉडीबिल्डिंग करने की बात सोचा और इसके बाद उन्होंने भी जिम में कसरत करना शुरू किया था.
रोज़ की मेहनत से अपने शरीर में सकारात्मक परिवर्तन देख कर शिबालिका सहा का उत्साह बॉडी बिल्डिंग के लिए और बढ़ने लगा, जिसके चलते उन्होंने सबसे पहले 2011 में रिज़नल बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अच्छा प्रदर्शन करते हुए 5वां स्थान हासिल किया. लोगों द्वारा मिलते प्रोत्साहन ने शिबालिका सहा को बॉडी बिल्डिंग के लिए और अधिक गंभीर कर दिया. जिसके चलते शिबालिका 2012 में हुई वर्ल्ड वुमन बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप हिस्सा लेने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गयी. इस प्रतियोगिता के बाद लोग उन्हें इंडियन सुपरवुमन कहने लगे.
लेकिन शिबालिका के लिए बॉडीबिल्डिंग जैसे खेलों में अपना भविष्य बनाना इतना आसान नहीं था. जब शिबालिका ने बॉडीबिल्डिंग शुरू करने का निर्णय लिया तो शिबालिका के पति उनकी इस बात से खुश नहीं थे. शिबालिका का इस तरह से कसरत करना उन्हें पसंद नही था. इन्ही सब बातों से उनके बीच तनाव बढ़ने लगा और उनकी शादी टूटने लगी. रोज़ की अनबन से परेशान होकर शिबालिका ने अपने पति से तलाक ले लिया और अपने आगे का पूरा जीवन बॉडी बिल्डिंग के लिए समर्पित कर दिया.
शिबालिका सहा बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में भारत की तरफ से 55 किलोग्राम वर्ग में भाग लेती हैं. शिबालिका के बाहें 15.5 इंच के हैं. मज़े की बात यह हैं कि बॉलीवुड के कुछ तंदरुस्त एक्टर में गिने जाने वाले अक्षय कुमार और सिद्धार्थ मल्होत्रा के बाईशेप्स भी इतने नहीं हैं.
शिबालिका सहा के इस तगड़े और तंदरुस्त शरीर की वजह से कई बार लोग उन्हें लड़का समझ लेते हैं.
इस बारे शिबालिका कहती हैं इतनी सुगठित बॉडी और छोटे बालों के कारण लोगों के लिए मुझे पहचान पाना मुश्किल हो जाता हैं और वह लड़का और लड़की के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं लेकिन मुझे ये सारी बाते परेशान नहीं करती हैं, बल्कि खुश करती हैं लोग मुझे एक बार के लिए ही सही नोटिस तो कर रहे हैं.
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