क्रिकेट

भारत को दो बार विश्वकप जीताने वाला ये क्रिकेटर अब घूम रहा है बेरोजगार!

शेखर नायक – भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम – भारतीय क्रिकेट की ये विडंबना ही है कि एक तरफ तो कोई क्रिकेटर करोड़ों-अरबों रूपये का मालिक बन जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ एक क्रिकेटर अपनी रोज़ी-रोटी के लिए भटकता है.

आपको बता दें कि हमारे देश में क्रिकेट के कई फार्मेट खेले जाते है इन सभी फार्मेट में लाखों क्रिकेटर खेलते है और देश का नाम रोशन करते है. लेकिन जब इन्ही क्रिकेटर का समय निकल जाता है तो ये भी हमारी और तुम्हारी तरह ही आम इंसान हो जाते है और कई लोग तो इन्हें पहचान भी नहीं पाते है.

आज हम आपको ऐसे ही एक क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे है जिसने हमारे देश का नाम रोशन किया है लेकिन आज यही क्रिकेटर बेरोजगार भटक रहा है. इस क्रिकेटर ने भारत को दो बार विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन यही क्रिकेटर अब अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है.

कौन है ये क्रिकेटर?

इस क्रिकेटर का नाम ‘शेखर नायक’ है और ये भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के अहम सदस्य और कप्तान रह चुके है. शेखर नायक ने कप्तान के रूप में भारत को बेहद मजबूत टीम बनाया है. शेखर ने भारतीय टीम के लिए 13 सालों तक क्रिकेट खेला है, उनके रहते भारतीय टीम ने दो बार विश्व कप का खिताब भी जीता है. लेकिन भारत को दो बार विश्व कप दिलाने वाला ये क्रिकेटर अब नौकरी पाने के लिए ठोकरे खाने को मजबूर है. पिछले दिनों टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार शेखर नायक अब बेरोजगार घूम रहे है और नौकरी पाने के लिए दर-दर भटक रहे है. शेखर नायक का जन्म कर्नाटक के शिमोगा जिले में हुआ था, जन्म से ही उनकी आँखों में रौशनी नहीं थी. शेखर ने शारदा देवी स्कूल फॉर ब्लाइंड से क्रिकेट की बारीकियां सीखी थी.

शेखर नायक ने 13 साल दिए भारतीय टीम को-

शेखर नायक ने भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट को अपने 13 साल दिए है जिसमें उन्होंने भारत को दो बार विश्व विजेता भी बनाया है. शेखर नायक 2002 से 2015 तक राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहा चुके है. उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार बेंगलुरु में टी-20 विश्व कप और 2015 में केपटाऊन में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जीता था.

30 की उम्र के बाद उन्हें टीम में जगह नहीं मिली-

क्रिकेट को अपना सब कुछ समर्पित करने वाले क्रिकेटर शेखर नायक को 30 की उम्र के बाद टीम में जगह नहीं दी गई. हालाँकि उन्हें इस बात का मलाल नहीं है उनका मानना है कि और लोगों को भी मौका मिलना चाहिए, लेकिन जो लोग अब रिटायर हो चुके है कम से कम उन्हें कोई नौकरी तो दी जाए जिससे वे अपनी आगे की जिंदगी जी सके.

अब तक मिल चुके है कई ईनाम और पुरूस्कार-

शेखर को अब तक कई ईनाम और पुरुस्कार भी मिल चुके है. उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चूका है. 2014 में उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर द्वारा भी सम्मानित किया जा चूका है.

लेकिन अब भविष्य संकट में लग रहा है-

देश को दो बार विश्व विजेता बनाने वाले शेखर नायक को अब अपना और अपने परिवार का भविष्य संकट में नज़र आ रहा है. वो कहते है कि मैं अपनी पत्नी और दो बेटियों के भविष्य को लेकर डर जाता हूँ. वो आगे बताते है कि नेताओं और राज्य सरकार से नौकरी के लिए अब तक कई बार आश्वासन मिल चुका है लेकिन नौकरी नही मिली है.

ये विडंबना ही है कि भारत को दो बार विश्व कप दिलाने वाला क्रिकेटर आज एक छोटी सी नौकरी के लिए भटक रहा है. आपको बता दें कि भारत में ऐसे कई क्रिकेटर हुए है जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है लेकिन बाद में इन्ही क्रिकेटर अपनी जिंदगी जीने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.

Sudheer A Singh

Share
Published by
Sudheer A Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago