शी-बॉक्स – भारत देश में लगभग हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग रहते हैं लेकिन इन सब से अलग महिलाओं को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
लेकिन इतना सब होने के बावजूद आज भी महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। महिलाओं का लिंगानुपात कम होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
प्राचीन भारत में तो महिलाओं के लिए कुछ विशेष कुप्रथाएं थी जिनमे सती प्रथा, पुनर्विवाह का ना होना, बाल विवाह इत्यादि चलन में था तब इन रुढियों को खत्म करने के लिए कुछ महान पुरुष आगे आये जिन्होंने समाज के लिए ख़ास भूमिकाएं निभाई हैऔर जब आज भी महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं तो सरकार का भी फ़र्ज़ बनता है कि आगे आये और महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंतजाम करें।
अपने कर्त्तव्य को समझते हुए और महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए केंद्र सरकार अब SHE BOX नाम की वेबसाइट ले कर आई है।
केंद्र सरकार में काम कर रही महिला कर्मचारी अब ऑफिसों में यौन उत्पीड़न की शिकायत शी-बॉक्स के जरिये कर सकेंगी। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म शी-बॉक्स लॉन्च किया है। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि शुरू में शी-बॉक्स केंद्र सरकार की कर्मचारियों के लिए है जिसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा और इसमें प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही एक राष्ट्रीय स्तर का सर्वे भी कराएंगे जिसके जरिये ऑफिस और कामकाज की जगह में होने वाले उत्पीड़न की प्रकृति और वह किस हद तक है इसका अनुमान लगाया जाएगा।
ऑनलाइन शिकायत करने का मैनेजमेंट सिस्टम शी-बॉक्स (सेक्सुअल हैरसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स) महिला और बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर ही है।
अगर शी-बॉक्स में कोई शिकायत आती है तो इसे सीधे संबंधित मंत्रालय, विभाग की इंटरनल कंप्लेन कमिटी के पास भेज दिया जाएगा, जिसके पास इसकी जांच का अधिकार होगा। इंटरनल कंप्लेन कमिटी नियमों के मुताबिक कार्रवाई करेगी और शिकायत का स्टेटस अपडेट करेगी। मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक यह पोर्टल यौन उत्पीड़न झेल रही महिलाओं को राहत देगा। मेनका गांधी ने अधिकारियों को पोर्टल को ज्यादा से ज्यादा इंटरैक्टिव बनाने के लिए कहा है। शी-बॉक्स के जरिए शिकायत की जा सकती है, साथ ही शिकायत करने वाले अपनी शिकायत का स्टेटस भी देख सकते हैं।
केंद्र सरकार में करीब 30लाख कर्मचारी हैं। जिसमें करीब 10.93 पर्सेंट महिला हैं। अभी यह शी-बॉक्स पोर्टल इन्हीं कर्मचारियों के लिए हैं लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ाया जाएगा।
लेकिन इसके साथ जरूरत है कि सरकार फर्जी शिकायतों से बचें। इसके लिए सरकार सी सी टीवी कैमरा अथवा दूसरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करें।