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देखिये शनिदेव के चमत्कारिक मंदिरें जहाँ शनिदेव साक्षात निवास करते है!

शनि देव को न्याय और कानून के देवता माने जाते हैं.

शनि देव  के क्रोध से लोग सबसे ज्यादा भयभीत रहते  हैं क्योकि कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती और ढाई जिस पर चलती है उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है. शनि के कोप से सब कुछ तबाह हो जाता है.

शनि देवता की मुख्य 4 मंदिर ऐसे हैं, जहाँ सक्षात शनि देव निवास करते है.

इन शनिदेव के मंदिर में पूजा करने से शनि से जुड़े सारे दोष खत्म होते है और धन, सम्मान और समृद्धि मिलने लगती है.

आईये जानते हैं कहाँ स्थापित  है यह शनिदेव के मंदिर 

शनि शिंगणापुर

महाराष्ट्र के  अहमदबाद के गांव में शनि शिंगणापुर मंदिर है. यह मंदिर शनि भगवान का प्राचीन स्थान और सिद्ध मंदिर है.

यहाँ के मंदिर के लिए बताया जाता है कि यहां बने  घरों के दरवाजों पर ताला नहीं होता. सब दरवाजे बिना बंद किये खुला छोड़ देते हैं और यहाँ कभी चोरी नहीं होती. लोगों  का कहना है कि  यदि यहां  चोरी का प्रयास भी किया जाता है तो वह इंसान  गांव से बाहर नहीं जा पाता. उस इंसान को शनिदेव का प्रकोप झेलना पड़ता है क्योकि यहाँ न्याय के लिए स्वयं शनि देव बैठते है.

शनिश्चरा मंदिर

यह मंदिर  मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के एक छोटे एती गांव की पहाड़ी में है. यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर में से एक है क्योकि यह मंदिर छठवीं शताब्दी में बनाया गया था. इस मंदिर का उल्लेख शास्त्रों पुराणों में भी मिलता है. कहा जाता है कि अर्जुन ने महाभारत काल में ब्रह्मास्त्र प्राप्ति हेतु  इस मंदिर में ही  शनिदेव  की पूजा कर कृपा प्राप्त की थी.

मान्यताओं के अनुसार  यहां बजरंगबली द्वारा  श्रीलंका से फेंका गया अलौकिक शनि पिण्ड है. इस मंदिर में शनिशचरी अमावस्या को मेला होता  है. इस मंदिर की एक दिलचस्प मान्यता यह भी है कि  भक्तजन तेल चढ़ाने के अलावा अपने पाप और दोष हटाने के लिए  पहने हुए स्वयं के  कपड़े, सामान, जूते, चप्पल,  छोड़कर  जाते हैं.

सिद्ध शनिदेव

यह मंदिर उत्तरप्रदेश  राज्य के कोशी नमक जगह से कुछ दूर  एक वन जिसका नाम कौकिला है वहां स्थित है. यह मंदिर भी शनि देव के  सिद्ध मंदिर में से एक है. इस मंदिर में भगवान कृष्णा शनिदेव के रूप में विद्‍यमान  हैं. मान्यता के अनुसार जो भी इंसान इस वन की परिक्रमा कर  शनि देव की पूजा करते है उनपर भगवान्  कृष्ण की कृपा होती है और शनि से जुड़े सारे दोष समाप्त हो जाते है. सारी मुरदे पूरी होती है और  स्वर्ग की प्रप्ति होती है.

स्व शनिदेव

मध्य  प्रदेश के  इंदौर जिले की अहिल्या नगरी में शनिदेव की पौराणिक मंदिर स्थित है. इस मंदिर को चमत्कारिक मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर दुनिया की  प्राचीन शनि मंदिर में से एक है.  इस मंदिर के लिए भी कहा जाता है कि शनि देव इस मंदिर  स्वयं विराजते है.
मान्यताओं  के अनुसार 300 वर्ष पूर्व इस मंदिर की जगह पर लगभग 20 फुट लम्बा  टीला बना था, जिसमे पंडित गोपालदास तिवारी  रहते थे जो वर्तमान पुजारी के पूर्वज थे. गोपालदास दृष्टिहीन थे. एक रात गोपालदास जी को शनिदेव का स्वपन दर्शन हुआ और उनको सब कुछ दिखाई देने लगा. स्वपन के आदेशानुसार गोपालदास द्वारा  टीले की खुदाई करवाने से शनिदेव की  मूर्ति मिली

ये थे शनिदेव के मंदिर – इन चारो मंदिरों में भगवान शनिदेव साक्षात विराजते है और यहाँ जो भी पूजा करता है, उसकी सारी  मनोकामना पूरी होती है. हर तरह का शनि दोष समाप्त हो जाता है और उसको सब तरह के सुखो की प्राप्ति होती है.

Dr. Sarita Chandra

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