शक्तिपीठ भाग २ : देवी के वो चमत्कारिक मंदिर जहाँ गिरे थे सती के कटे अंग
शक्तिपीठ भाग २ – देवी की उपासना के लिए सबसे चमत्कारिक और पवित्र स्थल शक्तिपीठ होते है.
शक्तिपीठ में देवी का जागृत स्वरूप होता है और उनके साथ होते है भैरव रूप में शिव. पिछले भाग में आपको बताया शक्तिपीठों के निर्माण की कथा और 51 में से पहले 10 शक्ति पीठों के बारे में.
शक्तिपीठ भाग २ में आज आपको बताते है अगले 10 शक्तिपीठों के बारे में. इन शक्तिपीठ की महिमा ऐसी है कि इनके बारे में पढ़कर ही मन शुद्ध हो जाता है.
शक्तिपीठ भाग २
अट्टहास शक्तिपीठ
शक्तिपीठ भाग २ में यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में स्थित है. ये वो क्षेत्र था जहाँ सती का निचला होठ गिरा था. यहां की शक्ति पफुल्लरा तथा भैरव विश्वेश हैं
जनस्थान शक्तिपीठ
यह प्रसिद्ध शक्तिपीठ महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में पंचवटी में स्थित है. कहा जाता है पंचवटी क्षेत्र में ठुड्डी गिरी थी. यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव विकृताक्ष हैं
अमरनाथ शक्तिपीठ
अमरनाथ में केवल शिव का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ही नहीं यहाँ देवी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ भी है .जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में स्थित है यह शक्तिपीठ उस स्थान पर है जहाँ माता का कण्ठ गिरा था.
यहां की शक्ति महामाया तथा भैरव त्रिसंध्येश्वर हैं.
नन्दीपुर शक्तिपीठ
ये शक्तिपीठ भी पश्चिम बंगाल में स्थित है. सैन्थया नाम के स्थान पर बना ये शक्तिपीठ वो स्थान है जहां देवी की देह का कण्ठहार गिरा था. यहां कि शक्ति निन्दनी और भैरव निन्दकेश्वर हैं.
श्री शैल शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ सबसे प्रसिद्ध देवी मंदिरों में से एक है हर साल यहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है. आंध्रप्रदेश के कुर्नूल के पास है श्री शैल का शक्तिपीठ, जहां माता का ग्रीवा गिरा था. यहां की शक्ति महालक्ष्मी तथा भैरव संवरानन्द अथव ईश्वरानन्द हैं.
नलहटी शक्तिपीठ
ये शक्तिपीठ भी बंगाल में स्थित है . बोलपुर ज़िले में नलहटी शक्तिपीठ है . जहां माता का उदरनली गिरी थी.
यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव योगीश हैं।
मिथिला शक्तिपीठ
ये शक्तिपीठ अज्ञात मना जाता है. इसके स्थान को लेकर विभिन्न विद्वानों के अलग अलग मत है. मुख्य रूप से तीन स्थानों पर मिथिला शक्तिपीठ को माना जाता है.
ये तीन स्थान नेपाल के जनकपुर, बिहार के समस्तीपुर और सहरसा. कहा जाता है कि यहाँ माता का वाम स्कंध् गिरा था. यहां की शक्ति उमा या महादेवी तथा भैरव महोदर हैं.
रत्नावली शक्तिपीठ
मिथिला शक्तिपीठ की तरह इस शक्तिपीठ का भी सही स्थान किसी को ठीक ठीक नहीं पता . बंगाज पंजिका के अनुसार ये शक्तिपीठ तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कहीं स्थित है. रत्नावली शक्तिपीठ उस स्थान पर बना है जहाँ माता का दक्षिण स्कंध् गिरा था.
यहां की शक्ति कुमारी तथा भैरव शिव हैं.
अम्बाजी शक्तिपीठ
गुजरात गिरनार पर्वत के शिखर पर देवी अम्बिका का भव्य मन्दिर है. यह वो स्थान है जहां माता का उदर गिरा था. यहां की शक्ति चन्द्रभागा तथा भैरव वक्रतुण्ड है.
कुछ लोग मानते है कि गिरिनार पर्वत के निकट ही सती का उध्र्वोष्ठ गिरा था, जहां की शक्ति अवन्ती तथा भैरव लंबकर्ण है.
अम्बिका शक्तिपीठ सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ में से एक है.
जालंध्र शक्तिपीठ
पंजाब के जालंधर में स्थित शक्तिपीठ का नाम जालंध्र शक्तिपीठ है. ये वो स्थान है जहाँ माता का वामस्तन गिरा था. यहां की शक्ति त्रिपुरमालिनी तथा भैरव भीषण हैं.
शक्तिपीठ भाग २ – ये वो शक्तिपीठ है जिनकी महिमा सुनने से ही सारे पाप तर जाते है और इन शक्तिपीठों में माता और भैरव रूप में शिव की पूजा अर्चना करने से मनुष्य के सभी इच्छाएँ पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.