शाहरुख़ खान को किंग ऑफ़ बॉलीवुड कहा जाता है.
वो बॉलीवुड के बादशाह हैं और भी न जाने क्या क्या हैं, लेकिन हाल ही में रिलीज़ हुई सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाईट देखने के बाद लगा कि ये सारी उपमाएं जो शाहरुख़ खान को दी जाती हैं, सब बेकार हैं.
सलमान खान और शाहरुख़ खान के बीच की दोस्ती कभी लोगों के बीच चर्चा का सिशय हुआ करती थी… सलमान ने अपने इसी दोस्त की ख़ातिर कई फिल्मों में कैमिओ का रोल किया. वजह साफ़ थी दोस्ती. लेकिन कुछ सालों से इन दोनों की दुश्मनी की भी चर्चा खूब हुई.. बात इतनी बढ़ गई कि टीवी के कृष्णा और कपिल शर्मा खुद को सलमान खान और शाहरुख़ खान कहने लगें.. दोनों का कहना है कि वो इतने बुरे दुश्मन हैं कि एक साथ कभी टीवी पर नहीं आ सकते.
सलमान की फिल्म ट्यूबलाईट की जीतनी बुराई की जाए कम है.
ये फिल्म बनाई क्यों गई मेरी तो समझ में नहीं आया. फिल्म में सलमान इतने मोटे और अजीब लगे हैं कि उनके फैंस को उनका ये क़िरदार कुछ रास नहीं आ रहा. रही सही कसर इस फिल्म में शाहरुख़ खान ने अदा कर दी.
इस फिल्म में शाहरुख़ खान भी हैं. वो भी एक ऐसे किरदार में जिसे अगर कोई जूनियर आर्टिस्ट प्ले करता तो शायद समझा जा सकता था. सलमान से दोबारा दोस्ती निभाने के चक्कर में शाहरुख़ ने अपनी ऐसी की तैसी कर डाली. इस फिल्म में वो मुश्किल से ५ मिनट के लिए आते हैं वो भी एक जादूगर बनकर. उनका लुक और सारी चीज़ें इतनी बुरी हैं कि पचाए नहीं पच रहा है.
अगर शाहरुख़ को किसी फिल्म में इतना छोटा रोल करना ही था तो कम से कम रोल तो देख लेते, दोस्ती निभाने के चक्कर में अपनी इमेज का सत्यानाश कर दिए. मूवी देखने के बाद सिनेमा हॉल से निकल रहे दर्शक शाहरुख़ के इस रोल की जमकर बुराई कर रहे थे.
सलमान की फिल्म में इस तरह का रोल करना अपनी बेईज्ज़ती कराने के बराबर ही है. शायद फिल्म देखने के बाद शाहरुख़ को इस बात का अंदाज़ा हुआ हो, लेकिन इससे क्या फायदा.