आगरा के ताजमहल को शाहजहाँ और मुमताज की प्रेम कहानी का प्रतीक कहा जाता है.
लेकिन शाहजहाँ और मुमताज की प्रेम कहानी को इतिहासकार शुरू के नकारते आयें हैं. शाहजहाँ और मुमताज की कोई प्रेम कहानी नहीं थी, बल्कि इनके जीवन की सच्चाई प्रेम कहानी से बिलकुल अलग थी.
आइये जानते है शाहजहाँ और मुमताज़ की प्रेमकहानी से जुड़ी कुछ सच्चाई
ये थी शाहजहाँ और मुमताज़ की प्रेमकहानी की सच्चाई.
अगर दोनों में प्रेम होता तो शहजाहं की इतनी रखैलें न होती और शाहजहाँ मुमताज के मौत के बाद उसकी बहन से और अपनी बेटी से शारीरिक संबंध नहीं बनाता.
सच कहा जाए तो शाहजहाँ ना ही औरत की इज्ज़त करता था और ना ही मुमताज़ से प्रेम.
शाहजहाँ ने अपनी हवस और अहंकार के लिए मुमताज से विवाह किया था. शाहजहाँ और मुमताज़ की प्रेमकहानी झूठ के अलावा कुछ नहीं.
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