दौर बदल गया है, वक़्त भी बदल गया है और बदल गया है हमारा युवा भी.
हम आज भगत सिंह को तो मानते हैं पर कभी अपनी जिन्दगी की तुलना उनसे कभी नहीं करते हैं.
आज शहीद भगत सिर्फ हमारी काल्पनिक दुनिया में हैं ,वास्तविक दुनिया में नहीं हैं.
1. आज का बचपन और भगत सिंह जी का बचपन
आज के बच्चों का बचपन जहाँ कंप्यूटर और वीडियो गेम्स में गुजरता है. 8 साल का बच्चा अब हनी सिंह का फैन तो है, पर देश भक्तों को बस स्कूल तक रखते हैं.
वहीँ बचपन से ही भगत जी क्रांतिकारियों की जीवनी पढ़ते थे और दोस्तों के साथ खेल भी , अंग्रेजों को भगाने वाले खेलते थे.
बचपन में अपने पिता के साथ खेत पर जाना और वहां जमीन में एक हथियार को दबाना और बोलना कि कल इसका पेड़ आएगा और हम पर अंग्रेजों को भगाने के लिए हथियार मिलेंगे.
2. आज की स्कूल जिन्दगी और भगत जी की स्कूल जिन्दगी
आज हमारे बच्चे स्कूल में आज मोबाइल पर कैंडी क्रश खेलते हैं, फ़िल्में देखते हैं और वक़्त बचे तो विदेशी इतिहास पढ़ते हैं.
भगत सिंह अपने स्कूल में आज़ादी की बातें किया करते थे. स्कूल के मंच पर देश भक्ति गीत गाना, भगत जी का स्कूल जीवन कुछ ऐसा ही बिता.
3. आज़ादी को दुल्हन बोलना
आज कितने युवा होंगे जो देश की खातिर अपना जीवन न्योछावर कर दें. भारत माँ की खातिर जो अपना पूरा जीवन लगा दें. आज के युवा जहाँ प्यार की अपनी अलग ही दुनिया बसाते हैं वहीँ
भगत सिंह ने आज़ादी को ही अपनी दुल्हन बना लिया था.
5. 24 की उम्र में फांसी
जहाँ आज 24 की उम्र में युवा नशे की लत में डूबे हुए होते हैं. पश्चिमी सभ्यता में कके पीछे चल रहे होते हैं, खाने और घूमने में लगे रहते हैं,
वहीँ भगत सिंह जी 24 की उम्र में देश में एक क्रांति लाने के लिए फांसी को स्वीकार कर चुके थे.
6. भगत सिंह जी की कवितायेँ और आज युवा का फेसबुक स्टेटस
भगत सिंह जी जिस उम्र में देश भक्ति गीत लिखा करते थे आज हम अपना पूरा जीवन ही फेसबुक स्टेटस में खपा देते हैं. जेल में बैठकर शहीद भगत सिंह जी देश को जोड़ने वाले लेख लिखते थे और हमारा युवा सोशल साइट पर बस अपना जिंदगी नामा लिखते हैं.
7. कॉलेज में भगत जी और आज के युवा का कॉलेज
भगत जी कॉलेज में क्रांतिकारी विचारों को फैलाते रहते थे. लाला लाजपत राय जी के आन्दोलनों में शरीक होते थे. आज का युवा तो 18 साल की उम्र में वोट का अधिकार तो रखता है पर वोट देने नहीं जाता है. कॉलेज की उसकी जिंदगी तो आप ना ही पूछो तो बेहतर होगा.
8. भगत सिंह आज सब चाहते हैं, पर भगत सिंह का जन्म पड़ोसी के घर चाहते हैं
आज का युवा प्यार, इश्क, मोहब्बत का दीवाना है. पैसा ही एक आखरी सबकी चाहत है, सभी भगत सिंह का जन्म तो चाहते हैं आज, पर अपने घर में नहीं पड़ोसी के घर में.
आज अगर युवा यह बोले कि आज हम आज़ाद हैं और अब हमें किसी से लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. तो उनको समझना होगा कि समस्याए आज भी है, और देश को आज भी युवा शक्ति की जरूरत है.
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