भारत

जब शादी के डर से घर छोड़कर भाग गए थे भगत सिंह

शहीद भगत सिंह की आज 111वीं जयंती है.

देश की आज़ादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले भगत सिंह ने देश के युवाओं में नया जोश भर दिया था, देश की आज़ादी के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर देने वाले नौजवान ने शादी तक से इनकार कर दिया था.

शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पाकिस्तान में हुआ था. भगत सिंह बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के थे, क्योंकि उनके पिता और चाचा भी क्रांतिकारी थे। उनकी स्कूली पढ़ी लाहौर से हुई. उसी समय उन्होंने कई देशों की क्रांतियों के बारे में पढ़ा. 13 अप्रैल, 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्‍याकांड ने उन पर इतना गहरा असर डाला कि वो हर कीमत पर देश को आज़ाद करना चाहते थे. पहले शहीद भगत सिंह भी अहिंसा में विश्वास करते थे, लेकिन जब महात्‍मा गांधी ने 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को खत्‍म करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से विश्वास उठ गया. उन्‍होंने 1926 में देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्‍थापना की.

खुद को देश के लिए समर्पित कर देने वाले शहीद भगत सिंह ने अपने परिवार की भी परवाह नहीं की यहां तक कि जब घरवालों ने उनकी शादी करानी चाही तो वह घर छोड़कर कानपुर भाग गए और एक खत लिख के गए थे, उसमें उन्‍होंने लिखा कि उन्‍होंने अपना जीवन देश को आजाद कराने के महान काम के लिए समर्पित कर दिया है.

जलियावाला बाग हत्याकांड के बाद शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु में बहुत गुस्सा था. इन तीनों ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी. भारत के तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इरविन ने इस मामले पर मुकदमे के लिए एक विशेष ट्राइब्यूनल का बनाया जिसने तीनों को फांसी की सजा सुनाई. तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई. इस मामले में सुखदेव को भी दोषी माना गया था.

जिस वक्त शहीद भगत सिंह जेल में थे उन्होंने कई किताबें पढ़ीं थी. 23 मार्च 1931 को शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह और उनके दोनों साथी सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी. फांसी पर जाने से पहले वे लेनिन की जीवनी ही पढ़ रहे थे. इन तीनों की फांसी का लोगों ने बहुत विरोध किया, इसलिए अंग्रेज़ों ने सुबह की बजाय उन्हें शाम को फांसी पर लटका दिया.

शहीद भगत सिंह की शहादत ने युवाओं में क्रांति का नया जोश भर दिया और इस जोश ने देश की आज़ादी में बहुत अहम भूमिका निभाई थी.

Kanchan Singh

Share
Published by
Kanchan Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago