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एक माँ ने अपने नामर्द बेटे के बड़े भाई से ज़बरन सम्बन्ध बनवाए बहु के

Rape victim

आज की इस आधुनिक होती दुनिया को देखकर कभी कभी ऐसा लगता हैं कि हम किस गर्त में जा रहे हैं.

न हमें अपने संस्कारों का ख्याल हैं न ही अपनी सभ्यता का और अपनी नैतिकता को तो जैसे हमने कूड़े दान में डाल  दिया हैं.

मेरी इन सब बातों के पीछे एक ऐसी कहानी छिपी हैं, जिसे पढ़कर आप भी सोच में पड़ जायेंगे कि क्या हम सचमुच इतने निम्न स्तर पर आ चुके हैं कि अपनी ख्वाहिशों के आगे दूसरी और कोई बात हमारे लिए मायने नहीं रखती हैं.

रेवाड़ी की रहने वाली एक महिला ने अपने ससुराल पर ऐसे ही आरोप लगाये हैं कि अपने पति के नामर्दगी के चलते उन दोनों की शादी में जो भूचाल आया हैं उसमे किसी और का नहीं बल्कि उस लड़के की माँ यानि सास का ही हाथ हैं.

इस विवाद के गाँव की पंचायत ने उन दोनों पति-पत्नी के बीच सम्बन्ध विच्छेद का समझौता करा कर उन्हें अलग रहने की मंजूरी दे दी हैं.

पूरा मामला जानने पर पता चला कि रेवाड़ी की रहने वाली इस महिला की शादी कनिना क्षेत्र के रहने वाले संजीव के साथ मई के महीने में हुई थी. कुछ दिन अपने पति के साथ रहते हुए उस महिला को ज्ञात हुआ कि उसका पति संजीव नामर्द हैं. शादी के बाद पता चले इस झूट से नाराज़ होकर वह महिला अपने मायके वापस लौट गयी.

शादी में कहे गए इतने झूठ के बाद भी महिला के घरवालों ने उसे समझाबुझा कर अपने ससुराल वापस भेजा लेकिन जिस दिन महिला अपने ससुराल लौटी उसी दिन की रात महिला के जेठ सुनील ने उसके कमरे में आकर  और उक्त महिला के साथ ज़बरन सम्बन्ध बनाने  की कोशिश करने लगा. महिला ने जब इस बात का विरोध किया तब उसे ज्ञात हुआ कि उसकी सास के कहने पर वह इस तरह की हरकत करने आया हैं.

महिला को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो  उसने अपनी सास और अपने जेठ सुनील के ख़िलाफ़ शारीरिक और मानसिक प्रतारणा का आरोप लगाया.

इस घटना के बाद महिला कसौला थाने जाकर पुलिस को इस बात की भी जानकारी दी कि शारीरिक और मानसिक प्रतारणा के अलावा मेरे ससुराल वाले दहेज़ के लिए भी मुझे परेशान करते हैं. उक्त महिला ने अपने इन सभी आरोप की एक शिकायत पुलिस के पास दर्ज करा दी हैं और अपने मायके वापस लौट आई हैं.

पंचातय और कानून पर भरोसा रखते हुए महिला ने कहा हैं कि मुझे न्याय ज़रूर मिलेगा, इस बात की उम्मीद तो मुझे हैं ही लेकिन अब उस घर में वापस जाकर रहना मेरे लिए मुश्किल होगा इसलिए मैं अपने मायके वापस आ गयी हूँ.

इस घटना के बाद यही कहा जा सकता हैं कि आधुनिकता अच्छी बात हैं, लेकिन अपने स्वार्थ में आकर हम अक्सर ऐसे कदम उठा लेते हैं जो सिर्फ और सिर्फ नुकसानदायक ही होते हैं.

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