मस्जिदों में यौन शोषण – अब महिलाएं जागरुक हो रही हैं औऱ अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हैं।
सबसे अच्छी बात है कि महिलाएं अब बीते दिनों में हुई घटनाओं के लिए भी इंसाफ मांग रही हैं। पिछले साल वर्क प्लेज़ पर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं के कारण #MeToo कैम्पेन महिलाओं ने चलाया था। जिस पूरी दुनिया में काफी सपोर्च मिला और ये अब तक चल रहा है।
मस्जिदों में यौन शोषण –
#MeToo के बाद #MosqueMeToo
#MeToo के बाद अब #MosqueMeToo कैम्पेन शुरू हुआ है। इस कैम्पेन के तहत धार्मिक स्थलों में हुई घटनाओं के बारे में महिलाएं अब लोगों को जागरुक कर रही हैं। धार्मिक स्थलों में भी महिलाएं विशेष तौर पर मस्जिद और हज यात्रा पर जाने के दौरान होने वाली घटनाओं की पोल खोल रही हैँ। आइए जानते हैं कि क्या है #MosqueMeToo कैम्पेन?
क्या है #MosqueMeToo कैम्पेन?
#MosqueMeToo कैम्पेन महिलाएं मस्जिद और हज यात्रा के दौरान हुई छेड़छछाड़ और बद्तमीजी की घटनाओं को लेकर पोल खोल रही हैं। यह कैम्पेन ट्विटर पर चलाया गया है। यह कैम्पेन सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर #MeToo कैम्पेन के तहत ही चलाया गया है। इस कैम्पेन में मुस्लिम महिलाएं मस्जिदों और हज यात्रा के दौरान अपने साथ हुई छेड़छाड़ की घटनाओं को शेयर कर रही हैं और अफसोस जता रही हैं।
अमेरिकी पत्रकार ने शुरू किया ये कैम्पेन
इस कैम्पेन को एक अमेरिकी पत्रकार मोना एल्थवे ने शुरू किया है। इस कैंपन में उन महिलाओं ने अपने साथ हुए धार्मिक स्थलों की छेड़छाड़ की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई है। आवाज उठाई हैं जो धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च जैसे स्थानों पर छेड़छाड़ की घटना का शिकार हुई हैं।
मोना के साथ भी हो चुकी है बद्तमीजी
मोना के साथ खुद ही वर्ष 2013 में हज यात्रा के दौरान छेड़छाड़ की घटना घटी थी। इसी घटना के अनुभव को शेयर करते हुए मोना #MosqueMeToo ट्वीट कर ये कैम्पेन शुरू करती हैं। जिसके बाद हजारों महिलाएं अब तक #MosqueMeToo के नाम पर रीट्वीट कर चुकी हैं।
तीसरे तवाफ के दौरान उसका हाथ मेरी कमर के नीचे था
अमेरिकी पत्रकार के ट्वीट के बाद जिस महिला ने अपना पहला ट्वीट किया है वो काफी हैरान करने वाला है। उसने ट्वीट किया है, ‘हम इसा की नमाज अदा करने के बाद काबा का तवाफ कर रहे थे और मेरे साथ वो हुआ जो मैंने ख्वाब में भी नहीं सोचा था। तीसरे तवाफ के दौरान मैंने पाया कि मेरे कमर पर किसी का हाथ है।
मैंने ये मानकर इसे पूरी तरह से अनदेखा कर दिया कि ये गलती से हो सकता है, लेकिन जब ये दोबारा और तीसरी बार हुआ तो इसने मुझे परेशान कर दिया, मैं पूरी तरह से हैरान थी कि आखिर ये हो क्या रहा है, लेकिन हद तब हो गई जब वो हाथ मेरे कमर से नीचे जाने लगा।
इन ट्विट्स के बाद कई सारे ट्वीट #MosqueMeToo के नाम पर आ गए हैं। इन ट्वीट्स से तो यही साबित होता है कि क्या घर, क्या ऑफिस, अब तो भगवानजी की भी जगह सेफ नहीं है। ऐसे में क्या करेंगी लड़कियां।
डिसक्लेमर- मस्जिदों में यौन शोषण – ये आर्टिकल पूरी तरह से ट्वीट बेस्ड है। यंगिस्तान इसकी अथॉन्टिसिटी नहीं लेता है।
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