केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को सरकार ने एक खास तोहफा दिया है।
सरकार ने निर्णय लिया है कि कार्यस्थल पर या ऑफिस यौन शोषण की शिकार या इस अपराध की शिकायत करने वाली महिलाओं को कार्यालय की तरफ से 90 दिन की पेड लीव दी जाएगी।
ऑफिस यौन शोषण के मामले की जांच तक ये लीव चलेगी। इस संबंध में कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग ने सेवा नियमावली में आवश्यक बदलाव भी कर दिए हैं।
ऑफिस यौन शोषण –
1 – क्या है पेड लीव का नियम
ऑफिस में महिलाएं सबसे ज्यादा यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं। ऐसे में महिलाओं से यौन उत्पीड़न के तहत अगर किसी शिकायत की जांच चल रही है तो उस जांच के दौरान शिकायतकर्ता महिला 90 दिन तक का अधिकतम अवकाश ले सकती है। 90 दिनों तक उस महिला कर्मचारी को उसकी पूरी सैलरी मिलेगी। खास बात ये भी है कि 90 दिन की ये पेड लीव पीडिता के खाते की छुट्टियों से नहीं काटी जाएंगीं।
2 – क्यों है इस नियम की जरूरत
ऐसा कहा जा रहा है कि ऑफिस यौन शोषण की शिकायत करने वाली महिलाएं ये कहती रहीं हैं कि उन्हें जांच के दौरान अपनी शिकायत वापिस लेने की धमकियां मिलती हैं। इसी तरह की धमकियों की रोकथाम के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके साथ इस नियम में ये प्रावधान भी रखा गया है कि ये लीव आंतरिक कमेटी की सिफारिश के आधार पर ही दी जाएगी।
इससे पहले दिसंबर 2016 में डीओपीटी ने ऑफिस यौन शोषण का शिकार होने वाली महिलाओं के मामलों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे।
इन दिशा-निर्देशों के तहत ऐसे मामलों की पूरी जांच 30 दिनों के भीतर ही खत्म करने की बात कही गई थी।
साथ ही यह भी कहा गया था कि ऐसे मामलों का निपटान किसी भी हाल में 90 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए।
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