भारत में सेक्स संबंध पर खुलेआम बात करना सही नहीं समझा जाता.
भारत के हर समाज में सेक्स संबंध से जुड़े कई नियम और कानून है, जिसको समाज में रहने वालों को स्वीकार करना पड़ता है. यही कारण है कि भारत में सेक्स आधारित फिल्मो को सहजता से स्वीकार नही किया जाता.
जितनी भी सेक्स आधारित फिल्में है, उनको भारत में सेंसर बोर्ड द्वारा प्रतिबंधित कर दिया जाता है.
आइए जानते हैं कौन कौन सी सेक्स आधारित फिल्में जिनको सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंधित किया हुआ है.
बैंडिट क्वीन
1994 में बनी यह फ़िल्म बैंडिट क्वीन को भारतीय सेंसर बोर्ड द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था. यह फ़िल्म फूलन देवी की जीवनी पर आधारित थी, जिसमे नग्नता, अपमानजनक भाषा और यौन सामग्री दिखाई गई है. इसलिए इस फ़िल्म को प्रतिबंध कर दिया गया था.
कामसूत्र
प्यार की एक कहानी 1996 में बनी यह फ़िल्म सेक्स तरीकों पर आधारित थी. इस फ़िल्म में सेक्स के अनेक तरीके बताए गए थे. मीरा नायर के निर्देशन में बनी यह फिल्म सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंधित कर दी थी.
फायर
1996 में बनी यह फ़िल्म दो बहनों में ससुराल के बीच समलैंगिक संबंध पर आधारित थी, जो हिन्दू समाज में अस्वीकार है. इस फ़िल्म में शबाना आजमी और नंदिता दास मुख्य भूमिका में थी और इस फ़िल्म के निर्देशक दीपा मेहता थे.
URF प्रोफेसर
2000 में पंकज आडवाणी के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म को भी सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंधित कर दिया. इस फ़िल्म में मुख्य किरदार के रूप में अंतरा माली, मनोज पाहवा और शरमन जोशी रहे. इस फ़िल्म में अभद्र दृश्यों और बोल्ड भाषा का प्रयोग था. यह पूरी ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म थी, जिसके कारण इस फ़िल्म पर सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया था.
पिंक मिरर
यह फ़िल्म 2003 में बनी जो कि लिंग मुद्दों पर आधारित थी. श्रीधर रंगायनने ट्रांस सेक्सुअल विषय पर था. यह फ़िल्म ट्रांस- कामुकता की अवधारणा दर्शाती है, जिसमे समलैंगिक संबंध और अश्लीलता का दृश्य था, जिसके कारण इस फ़िल्म को भी सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया.
सिंस
2005 में बनी यह फ़िल्म केरल के पुजारी का महिला आकर्षण पर बनी थी. इसमें यौन संबंध, वासना भूख, नग्न दृश्य होने के कारण सेंसर बोर्ड ने इस फ़िल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
गांडू
2010 में बंगाली भाषा में बनी यह फ़िल्म मौखिक सेक्स, नग्नता और अश्लीलता से भरी हुई होने के कारण इस फ़िल्म पर सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया था.
अन्फ्रीडम
2015 में बनी यह फ़िल्म इस्लामी आतंकवाद के समलैंगिक संबंध पर बनी एक प्रेम कहानी थी, जिसमे नग्नता, सम्भोग और खुला दृशय था. इसलिए इस फ़िल्म को भी सेंसर बोर्ड द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इन सभी सेक्स आधारित फिल्में जिसमे नग्नता, वासना, अश्लीलता और सेक्स का खुला प्रदर्शन किया गया था, जिसके कारण समाज में अव्यवस्था और विरोध फ़ैल सकता था. इसलिए इन फिल्मों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया. परन्तु ये सभी सेक्स आधारित फिल्में आज भी इन्टरनेट में मौजूद है.
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