आजकल ब्लैकमेलिंग की खबरों ने लगातार तूल पकड़ रही है, कहीं किडनैपिंग, तो कहीं कारनामों के नाम पर लगातर चल रहे इस ब्लैकमेलिंग के खेल में अब एक और नाम जुड़ गया है और वो है‘सैक्सटॉर्शन’।‘सैक्सटॉर्शन’ के नाम पर ब्लैकमेल करना…
आखिर क्या है ये ‘सैक्सटॉर्शन’? और आखिर क्यों और किस तरह यह सैक्सटॉर्शन का ब्लैकमेल खेल भारत में अब अपने पैर पसारने लगा है।
क्या है ‘सैक्सटॉर्शन’
भारत में अब तक सैक्सटॉर्शन को लेकर 5-10 केस दर्ज किये जा चुके है।
इन दर्ज केसों के मुताबिक ब्लैकमेलर आपकों आपकी कम्पयूटर और मोबाइल की ब्राउजिंग हिस्ट्री को लेकर ब्लैकमेल करता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बीते 2 महीनों में पुलिस सैक्सटॉर्शन के करीब 5 केस दर्ज करचुकी है। सैक्सटॉर्शन के नाम पर ब्लैकमेल करने वाले अपराधी की नजर आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री पर होती है, वो आपके ब्राउजिंग हिस्ट्री में यह देखते है कि क्या आप एडल्ट फिल्मों की साइड पर क्लिक करते है या क्या आप इस तरह की फिल्में देखते है? और यदि हां तो वह आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री को हैक कर उसे पब्लिक करने की धमकी देने के नाम पर एक अच्छी खासी रकम की डिमांड करते है। सैक्स वीडियों यानि एडल्ट साइट्स के नाम पर करने वाली इस ब्लैकमेलिंग को सैक्सटॉर्शन कहा जाता है। जिसके जरिये अपराधियों की नजर पहले आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री पर होती है और जैसे ही आप कुछ गलत करते है वह आप पर मेल के जरिए अपना हमला कर देते है।सैक्सटॉर्शन एक कानूनी अपराध है।
भारत में चल रहा ब्राउजिंग हिस्ट्री हैक का ब्लैकमेल खेल
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक भारत में अब तक करीब दो महिलाएं और तीन पुरूष इस मामले में केस दर्ज करा चुके है। सैक्सटॉर्शन से पीड़ित सभी लोगों का कहना है कि पार्न यानि एडल्ट साइट देखने के ठीक एक दिन बाद ही उनके पास एक मेल आया, जिसमें उनकी ब्राउजिंग हिस्ट्री थी। इसके अलावा मेल में उन्हें उस ब्राउजिंग हिस्ट्री को पबल्कि करने के नाम पर बिटक्वाइंस की सैक्सटॉर्शन मनी मांगी गई है।
इस सैक्सट्रॉर्शन के ब्लैकमनी खेल में कभी-कभी अपराधी लड़की बनकर बात करते है, तो कभी लड़की बनकर आपसे आपकी जानकारियां निकालने का प्रयास करते है। इसके अलावा कई बार तो वह मैसेज के जरिए लिंक भेज पहले उस लिंक पर क्लिक कर उकसाने का प्रयास करते है और उसके बाद आपकों अपना शिकार बनाते है। इतना ही नहीं कई बार तो यह अपराधी पीड़ित से पैसों की डिमांड की जगह सेक्सुअल फेवर की भी डिमांड करते है।
आज ई-माध्यमों से चल रहे अपराध के मामले लगातार दिनों-दिन बढ़ते जा रहे है। आज विश्वभर में हर दिन कभी सोशल साइड्स के जरिए पहले अपराध करना या करवाना और फिर ब्लैकमेलिंग करना बेहद आम हो गया है। इस तरह के अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को भी काफी मश्कत करनी पड़ती है। जिसके अनुसार पुलिस बेब टीम की मदद से पहले अपराधियों के IP एडर्स का पता लगाती है और फिर अपराधी पर अपनी नकल कसती है। लेकिन वहीं दूसरी ओर इस तरह के इस तरह के अपराधियों से बचने का एकमात्र उपाय है कि सोशल नेटवर्किंग साइड्स पर एक्टिव हर व्यक्ति खुद अपनी पासवर्ड और एक्टिवीटी को लेकर सचेत और सजग रहें।
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