सेक्स वर्कर की बेटी की लाइफ – सेक्स वर्कर्स की लाइफ तो मुश्किल होती ही है साथ ही उनके बच्चों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सेक्स वर्कर्स के यहां पैदा होने वाली लड़कियों को तो अपने जीवन में ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ती हैं।
सेक्स वर्कर की बेटी की लाइफ – मुंबई के स्लम में पैदा हुई अश्विनी भी ऐसे ही बच्चों में से एक हैं। अश्विनी ने अपनी कहानी शेयर करते हुए बताया कि एक सेक्स वर्कर की बेटी को किस तरह की परेशानियों से गुज़रना पड़ता है।
अश्विनी बताती है कि उसकी मां एक सेक्स वर्कर थी और वही उसे टॉर्चर भी करती थी। पांच साल की उम्र में मां की लिपस्टिक खो देने की वजह से उसकी झाडू से पिटाई की गई थी। आठ साल की उम्र में अश्विनी को एक एनजीओ में पढ़ाई के लिए भेजा गया। अश्विनी बताती हैं कि एनजीओ का हाल भी बहुत बुरा था। यहां छोटी-छोटी बातों पर भी बच्चों को बहुत बुरी तरह पीटा जाता था। उसी समय अश्विनी की मां का देहांत हो गया और उसे 10 साल तक उसी एनजीओ के हॉस्टल में रहना पड़ा।
एनजीओ में टॉर्चर की हदें पार होने के बाद अश्विनी ने कुछ बच्चों के साथ मिलकर क्रांति नामक संस्था ज्वाइन की। यहां पर अश्विनी को काफी कुछ सीखने का मौका मिला और वो टीचर की जॉब भी करने लगी।
अश्विनी ने कैंसर के मरीज़ों के लिए हॉस्पिटल में वॉलेंटियर का काम भी किया है। वे दिल्ली के दलितों के लिए भी काम कर चुकी हैं। बंगाल में थियेटर कर उन्होंने लोगों में जागरूकता फैलाई।
अश्विनी ने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में अप्लाई किया था जहां उन्हें पूरी ट्यूशन फीस के साथ स्कॉलरशिप मिली। अश्विनी कहती हैं कि वो अपनी जिदंगी के इस सेकेंड चांस को पाकर काफी खुश हैं लेकिन साथ ही उन्हें अपने जैसे सेक्स वर्कर्स के बच्चों के भविष्य की चिंता भी सताती है।
इस तरह की होगी अब एक सेक्स वर्कर की बेटी की लाइफ !