सिलाई मशीन की खोज – अब बहुत कम लोग ही ऐसे हैं जो दर्जी के पास जाते हैं।
टेक्नोलॉजी के जमाने में पल भर में हजारों कपड़े सिल जाते हैं, लेकिन दुनिया का पहली सिलाई मशीन से 40 टाके लगाने में एक मिनट लगता था। आज आप एक मिनट में तो हजारों टाकों लगा लीजिए।
रेडीमेड के जमाने में बेशक हम सिलाई मशीन को भूल गए हो लेकिन इसका इतिहास बहुत रोचक हैं। वर्तमान सिलाई मशीन की खोज का श्रेय आइजैक मेरिट सिंगर को दिया जाता हैं जो एक अमरिकी थे।
आइजैक पेशे से उद्योगपति और कलाकार थे लेकिन उनके साथ बार बार होती एक घटना ने उन्हें सिलाई मशीन का अविष्कार करने के लिए मजबूर कर दिया।
दरअसल उस समय जिस पारंपरिक तरीके से कपड़े सिलते थे उसमें सिर्फ एक मिनट में 40 टांके लगते थे। ये टांके आज की तुलना मे काफी बड़े होते थे। दर्जी से तंग आकर उन्होंन निर्णय लिया कि वो खुद अपना कपड़ा सिलकर दिखाएंगे लेकिन जल्दी ही उन्हें समझ आ गया कि कपड़े सिलना वाकई बहुत मुश्किल काम हैं।
इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और एक ऐसे मशीन की खोज में लग गए जो उनके कपड़ों को आसानी से और जल्दी सिल दे। इसी जुनूनी खोज में उन्होंने सिलाई मशीन की खोज कर दी। आज हम उसी मशीन का अपडेट वर्जन इस्तेमाल करते हैं।
उनकी मशीन एक मिनट में 40 की जगह 900 टांके लगाती थी। यह मशीन पहले के पारंपरिक मशीनों की तुलना में छोटी और आसान थी।
1839 में मशीन बनाने में सफल हुए सिंगर ने अपनी मशीन में कई बदलाव भी किए। जिसके बाद वो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गए। 1849 में उन्होंने ड्रील रॉक नाम से अपनी मशीन को पेटेंट करा लिया। आज सिंगर कम्पनी की मशीन पूरी दुनिया में फेमस हैं। ज्यादातर लोगों के पास सिंगर की ही सिलाई मशीन आपको देखने को मिलेगी।
इस तरह से हुई थी सिलाई मशीन की खोज –
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